Home national केंद्रीय मंत्रिमंडल 8 नई राष्ट्रीय हाई-स्पीड रोड कॉरिडोर परियोजना को दी मंजूरी

केंद्रीय मंत्रिमंडल 8 नई राष्ट्रीय हाई-स्पीड रोड कॉरिडोर परियोजना को दी मंजूरी

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने शुक्रवार को 8 महत्वपूर्ण राष्ट्रीय हाई-स्पीड रोड कॉरिडोर परियोजनाओं को मंजूरी दी, जिनकी कुल लंबाई 936 किलोमीटर और कुल लागत 50,655 करोड़ रुपये है। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव में शुक्रवार देर शाम नेशनल मीडिया सेंटर में पत्रकारों को मंत्रिमंडल के फैसलों की जानकारी दी।

उन्होंने ने बताया कि मंत्रिमंडल ने 6-लेन आगरा-ग्वालियर राष्ट्रीय हाई-स्पीड कॉरिडोर, 4-लेन खड़गपुर-मोरग्राम राष्ट्रीय हाई-स्पीड कॉरिडोर, 6-लेन थराद-डीसा-मेहसाणा-अहमदाबाद राष्ट्रीय हाई-स्पीड कॉरिडोर, 4-लेन अयोध्या रिंग रोड, रायपुर-रांची राष्ट्रीय हाई-स्पीड कॉरिडोर के पत्थलगांव और गुमला के बीच 4-लेन सेक्शन, 6-लेन कानपुर रिंग रोड, 4-लेन उत्तरी गुवाहाटी बाईपास और मौजूदा गुवाहाटी बाईपास का चौड़ीकरण/सुधार, पुणे के पास 8-लेन एलिवेटेड नासिक फाटा-खेड़ कॉरिडोर को मंजूरी दी है।

केन्द्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इन परियोजनाओं का लाभ गिनाते हुए कहा कि आगरा और ग्वालियर के बीच यात्रा का समय 50 प्रतिशत तक कम हो जाएगा। खड़गपुर-मोरग्राम कॉरिडोर पश्चिम बंगाल और पूर्वोत्तर की अर्थव्यवस्था को बदल देगा। कानपुर रिंग रोड़ शहर के आसपास के राजमार्ग नेटवर्क को भीड़भाड़ से मुक्त करेगा। रायपुर रांची कॉरिडोर के पूरा होने से झारखंड और छत्तीसगढ़ के विकास को गति मिलेगी। वहीं थराद और अहमदाबाद के बीच नया कॉरिडोर पूरा होने पर गुजरात में निर्बाध बंदरगाह संपर्क और कम लॉजिस्टिक्स लागत के लिए हाई स्पीड रोड नेटवर्क सुनिश्चित होगा।

प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने कहा है कि राष्‍ट्रीय तीव्र गति सड़क कॉरिडोर परियोजनाओं से देश की आर्थिक वृद्धि तेज होगी और रोजगार के अवसर बढेंगे। केन्‍द्रीय मंत्रिमंडल ने कल 50 हजार करोड़ रुपये लागत की आठ परियोजनाओं को मंजूरी दी। प्रधानमंत्री मोदी ने एक सोशल मीडिया पोस्‍ट में कहा कि इससे एकजुट भारत की सरकार की प्रतिबद्धता स्‍पष्‍ट होती है।

कुल 936 किलोमीटर लंबाई की इन परियोजनाओं से माल ढुलाई क्षमता बढ़ेगी, जाम की समस्‍या में कमी आयेगी और देश के विभिन्‍न हिस्‍सों के बीच संपर्क बढ़ेगा। कल शाम नई दिल्‍ली में केन्‍द्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री अश्‍वनि वैष्‍णव ने कहा कि ये परियोजनाएं भारत के 2047 के लक्ष्‍य के अनुरूप है।

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