विश्व रंग 2024 के अंतर्गत रबीन्द्रनाथ टैगोर, संस्थान, मॉरीशस में रबीन्द्रनाथ टैगोर की मूर्ति का अनावरण महामहिम पृथ्वीराज सिंह रूपन जी.सी.एस.के. मॉरीशस गणराज्य के राष्ट्रपति के करकमलों से किया गया। उल्लेखनीय है की गुरुदेव की मूर्ति की स्थापना संतोष चौबे, निदेशक, विश्व रंग एवं कुलाधिपति, रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय, (भोपाल, भारत) के द्वारा भेंट स्वरूप मॉरीशस में की गई है।
महामहिम राष्ट्रपति, पृथ्वीराज सिंह रूपन जी.सी.एस.के. मॉरीशस गणराज्य ने अपने उद्गार व्यक्त करते हुए कहा कि मॉरीशस में ‘विश्व रंग’ का होना और गुरुदेव की मूर्ति की स्थापना अपने आप में एक ऐतिहासिक घटना है। भारत और मॉरीशस की एक साझा संस्कृति है। विश्व रंग हमारी साझा संस्कृति को ओर अधिक मजबूती प्रदान करेगा। इस अविस्मरणीय कार्य के लिए रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय (भारत) के कुलाधिपति संतोष चौबे जी के प्रति मैं बहुत हार्दिक बधाई और शुभकामनाएँ व्यक्त करता हूँ।
इस अवसर पर महामहिम पृथ्वीराज सिंह रूपन जी.सी.एस.के. मॉरीशस गणराज्य के राष्ट्रपति द्वारा गुरुदेव रबीन्द्रनाथ टैगोर की चित्रकला प्रदर्शनी का उद्घाटन भी किया गया। गुरुदेव की चित्रकला की यह प्रदर्शनी भी रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय (भोपाल, भारत) द्वारा मॉरीशस स्थित रबीन्द्रनाथ टैगोर संस्थान को भेंट की गई।
माननीया उप- प्रधानमंत्री लीलादेवी दुकन ने कहा कि बहुत ही गर्व की बात है, कि भारतीय संस्कृति-वैश्विक मंच ‘विश्व रंग’ टैगोर अंतरराष्ट्रीय साहित्य एवं कला महोत्सव का भोपाल (भारत) से मॉरीशस की रचनात्मक यात्रा दोनों देशों के साहित्यिक, सांस्कृतिक और भाषा शिक्षण को बढ़ावा देने की दिशा में एक सार्थक कदम है।
इस अवसर पर पृथ्वीराज सिंह रूपन जी.सी.एस.के. मॉरीशस गणराज्य के राष्ट्रपति, माननीया उपप्रधानमंत्री लीलादेवी दुकन और विश्व रंग के निदेशक संतोष चौबे की गरिमामय उपस्थिति में रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय (भारत) तथा महात्मा गांधी संस्थान, मॉरीशस के बीच मेमोरेंडम ऑफ अंडरस्टैडिंग पर हस्ताक्षर किये गये। डॉ. विजय सिंह, कुलसचिव, रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय (भारत) तथा डॉ. राजकुमार रामपरताब, महानिदेशक, महात्मा गांधी संस्थान, मॉरीशस ने संयुक्त रूप से मेमोरेंडम ऑफ अंडरस्टैडिंग पर हस्ताक्षर किये।
इस अवसर पर विश्व रंग की अवधारणा पर संतोष चौबे ने विस्तार से प्रकाश डाला। इन्द्रदत्त राम, अध्यक्ष, महात्मा गांधी संस्थान एवं रबीन्द्रनाथ टैगोर संस्थान, मॉरीशस ने भी अपने विचार व्यक्त किये। धन्यवाद ज्ञापन करमलाल मांतादिन (मॉरीशस) द्वारा किया गया। समारोह का संचालन डॉ. सिद्धार्थ चतुर्वेदी, कुलाधिपति, स्कोप ग्लोबल स्किल्स विश्वविद्यालय (भारत), एवं विनय उपाध्याय, निदेशक टैगोर विश्व कला एवं संस्कृति केंद्र द्वारा किया गया। इस अवसर पर मॉरीशस सरकार के कई गणमान्य मंत्रीगण एवं वरिष्ठ अधिकारियों सहित बड़ी संख्या में हिंदी प्रेमी और साहित्य प्रेमियों ने रचनात्मक भागीदारी की।
जयति चक्रवर्ती ने रबीन्द्र संगीत से बांधा समां
विश्व रंग, मॉरीशस के अवसर पर सुप्रसिद्ध बांग्ला गायिका (कोलकाता, पश्चिम बंगाल) ने रबीन्द्र संगीत के सुमधुर बांग्ला गीतों और उन्हीं पर केन्द्रित हिंदी फिल्मों के गीतों की अद्भुत प्रस्तुतियों से मॉरीशस की ढलती शाम को एक अलग ही शमां बांधा।
विश्व रंग, मॉरीशस 2024 के दूसरे दिन आयोजित वैचारिक सत्रों की झलकियाँ…
प्रेमचंद सभागार
प्रात: मंगलाचरण में कोलकाता, भारत के चर्चित कलाकार सुब्रतो सेन, नीलांकुश दत्ता और ऋतुपर्णा बैनर्जी ने एकतारा पर रबीन्द्रनाथ टैगोर के संगीत की मधुर धुनों से मंगलमय वातावरण निर्मित कर दिया।
प्रेमचंद सभागार
‘स्मरण: अभिमन्यु अनत- विश्व साहित्य चेतना के रचनाकार’ विषय पर आयोजित सत्र का संचालन विश्व रंग के सह-निदेशक एवं वरिष्ठ कवि लीलाधर मंडलोई ने किया। वरिष्ठ कवि डॉ. जितेन्द्र श्रीवास्तव (दिल्ली, भारत) ने किया विषय प्रवर्तन। डॉ. वेदप्रकाश सिंह (जापान), डॉ. संयुक्ता भोवन रामसारा (मॉरीशस), और युवा आलोचक अच्युतानंद मिश्र (केरल, भारत) ने अपने विचार व्यक्त किये।।
समानांतर सत्र
प्रेमचंद सभागार
अंतरराष्ट्रीय कविता पाठ का सत्र भारत के वरिष्ठ कवि अरुण कमल की अध्यक्षता में आयोजित किया गया। इस सत्र में संतोष चौबे, जितेन्द्र श्रीवास्तव, बलराम गुमास्ता, नीलेश रघुवंशी, सविता भार्गव ने कविता पाठ किया। सत्र का संचालन जितेन्द्र श्रीवास्तव द्वारा किया गया।
अभिमन्यु अनत सभागार
‘विश्व के देशों में हिंदी : स्थिति और संभावनाएँ (नई पीढ़ी के संदर्भ में) विषय पर आयोजित सत्र की अध्यक्षता वरिष्ठ रचनाकार एवं विचारक मनोज श्रीवास्तव द्वारा की गई। इस सत्र में डॉ. आरती लोकेश (यू.ए.ई), डॉ. कृष्ण कुमार झा (मॉरीशस), डॉ. वीर बहादुर महतो (नेपाल) ने विचार व्यक्त किए। डॉ. जवाहर कर्नावट ने सत्र का संचालन किया।
वनमाली सभागार
हिंदी में विज्ञान लेखन– चुनौतियाँ एवं संभावनाएँ’ विषय पर आयोजित सत्र की अध्यक्षता विश्व रंग के निदेशक संतोष चौबे द्वारा की गई। सत्र में बीज वक्तव्य वरिष्ठ विज्ञान लेखक देवेन्द्र मेवाड़ी ने दिया। निस्पर के युवा वैज्ञानिक एवं रचनाकार डॉ. मनीष मोहन गोरे, इलेक्ट्रॉनिकी आपके लिए के सह संपादक एवं युवा कवि मोहन सगोरिया, वरिष्ठ विज्ञान लेखक डॉ. कृष्ण कुमार मिश्र ने विचार व्यक्त किये।
प्रेमचंद सभागार
‘हिंदी की विश्व चेतना और साहित्य’ पर वरिष्ठ कवि, विचारक नंदकिशोर आचार्य की अध्यक्षता में सत्र आयोजित किया गया। सत्र में मॉरिशस के वरिष्ठ रचनाकार रामदेव धुरंधर,वरिष्ठ कथाकार अल्पना मिश्र, युवा आलोचक अच्युतानंद मिश्र, डॉ. नवीन लोहनी ने अपने विचार रखे। सत्र का संचालन वरिष्ठ कवि एवं विश्व रंग के सह निदेशक लीलाधर मंडलोई ने किया।
अभिमन्यु अनत सभागार
‘हिंदी का वैश्विक प्रसार और जनसंचार माध्यम’ सत्र वरिष्ठ संपादक, रचनाकार ओम थानवी की अध्यक्षता में आयोजित किया गया। इस सत्र में वरिष्ठ पत्रकार प्रियदर्शन, रमा शर्मा (जापान), शिप्रा शिल्पी (जर्मनी), डॉ. शशि दुकन (मॉरीशस), डॉ. शालिनी वर्मा (कतर), अपर्णा वत्स (आस्ट्रेलिया), इन्द्रजीत शर्मा (अमेरिका), डॉ. जवाहर कर्नावट (भारत) ने अपने विचार व्यक्त किए। सत्र का संचालन अभिजीत गुप्ता (केन्या) ने किया।
वनमाली सभागार
‘भोजपुरी भाषा एवं साहित्य के विविध आयाम’
यह सत्र वरिष्ठ रचनाकार, हिंदी संगठन, मॉरीशस के अध्यक्ष श्री उदय नारायण गंगू की अध्यक्षता में आयोजित किया गया। भोजपुरी भाषा एवं साहित्य के विविध आयामों पर वरिष्ठ कवि राम तिवारी (बेहरीन), अरविंद बिसेसर (मॉरीशस), आशुतोष (भारत), मदरांचल घिसादुबे (सूरीनाम) ने विचार रखें।
प्रेमचंद सभागार
‘अंतरराष्ट्रीय कथा विमर्श’ सत्र का आयोजन वरिष्ठ कथाकार, वनमाली सृजन पीठ भोपाल के अध्यक्ष एवं वनमाली कथा के प्रधान संपादक मुकेश वर्मा की अध्यक्षता में आयोजित किया गया। सत्र का संचालन युवा कथाकार एवं वनमाली कथा पत्रिका के संपादक कुणाल सिंह ने किया। कथा विमर्श में वरिष्ठ कथाकार एवं संपादक अखिलेश (लखनऊ, उत्तर प्रदेश, भारत), युवा कथाकार आशुतोष (सागर, मध्यप्रदेश, भारत), कल्पना लालजी (मॉरीशस),
जमना बीनी (अरुणाचलप्रदेश, भारत) ने रचनात्मक विचार विमर्श किया।
अभिमन्यु अनत सभा कक्ष
‘हिंदी शिक्षण में नवाचार और वैश्विक संदर्भ में प्रौद्योगिकी का प्रयोग’ विषय पर आयोजित सत्र की अध्यक्षता साहित्य अकादमी, नईदिल्ली, भारत की उपाध्यक्ष डॉ. कुमुद शर्मा ने की। सत्र का संचालन प्रो. अमिताभ सक्सेना (भोपाल, भारत) ने किया। इस वैचारिक सत्र में डॉ. विजय मल्होत्रा (नईदिल्ली, भारत), हिमानी शर्मा (न्यूजीलैंड), बालेंदु दाधीच (नईदिल्ली, भारत), डॉ. वेदप्रकाश सिंह (जापान), गुलशन सुखलाल (मॉरीशस), अतिला कोतलावल(श्रीलंका), डॉ. अंजली चिंतामणि (मॉरीशस) ने विचार–विमर्श किया।
वनमाली सभागार
लेखक से मिलिए – इस सत्र में डाॅ.रामदेव धुरंधर (मॉरीशस के सुप्रसिद्ध उपन्यासकार) और प्रहलाद रामशरण (मॉरीशस के प्रख्यात साहित्यकार) से डॉ. अलका धनपत (मॉरीशस) ने उनके साहित्य सृजन के विभिन्न पहलुओं पर रचनात्मक बातचीत की।