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‘दीदी मंदाकिनी’ को दिया गया पहला पद्मभूषण युगतुलसी पंडित रामकिंकर उपाध्याय राष्ट्रीय पुरस्कार- 2024

मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव एवं संस्कृति, पर्यटन, धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व मंत्री धर्मेंद्र भाव सिंह लोधी ने मानस भवन, भोपाल में आयोजित पद्मभूषण युगतुलसी पं. रामकिंकर उपाध्याय राष्ट्रीय पुरस्कार अलंकरण समारोह 2024 में सहभगिता कर पहला पुरस्कार दीदी मंदाकिनी को प्रदान किया।

मंत्री लोधी ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि पंडित रामकिंकर उपाध्याय ने सनातन संस्कृति के उन्नयन में अति महत्वपूर्ण योगदान दिया है, उन्होंने 49 वर्षों तक लगातार रामचरित मानस पर प्रवचन दिए। धर्म और संस्कृत में उत्कृष्ट योगदान के लिए पंडित रामकिंकर उपाध्याय जी को भारत सरकार ने सन 1999 में पद्मभूषण सम्मान से सम्मानित किया। पंडित रामकिंकर उपाध्याय और उनके उपदेश सदियों तक मानव जाति का मार्गदर्शन करते रहेंगे।

मंत्री लोधी ने मंच से मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को साधुवाद देते हुए कहा कि “पद्म भूषण” युग तुलसी पंडित राम किंकर उपाध्याय की स्मृति में राष्ट्रीय पुरस्कार प्रारंभ किया है।

वर्ष 2024 का यह पुरस्कार ‘दीदी मंदाकिनी’ को दिया जा रहा है। मैं दीदी मंदाकिनी को प्रणाम करता हूं और उन्हें सादर बधाई देता हूं। दीदी मंदाकिनी भारतीय संस्कृति, धर्म और अध्यात्म के क्षेत्र में एक सम्मानित नाम है। दीदी ने भगवद् गीता, रामायण और अन्य धार्मिक ग्रंथों का अध्ययन प्रवचनों के माध्यम से समाज में आध्यात्मिक जागरूकता फैलाने का काम किया है।

कार्यक्रम के दौरान तुलसी मानस प्रतिष्ठान की ओर से प्रतिभाओं को सम्मानित किया एवं तुलसी मानस भारती तुलसी मानस प्रतिष्ठान मध्यप्रदेश की अध्यात्म, संस्कृति और संस्कार पत्रिका “दिव्य श्रीराम कथावतार” का विमोचन किया।

कार्यक्रम में कार्यकारी अध्यक्ष मानस भवन रघुनंदन शर्मा, प्रमुख सचिव संस्कृति पर्यटन शिवशेखर शुक्ला, संचालक संस्कृति एन पी नामदेव, कुलगुरू सांची विश्वविद्यालय, सुरेंद्र बिहारी गोस्वामी एवं अन्य गणमान्य लोग उपस्थित रहे।

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