मध्यप्रदेश में नक्सल गतिविधियों को समूल नष्ट करने के लिए संकल्पित मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के निर्देशानुसार मध्यप्रदेश पुलिस निरंतर प्रभावी कार्रवाई कर रही है। भारत सरकार द्वारा स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर मध्यप्रदेश पुलिस के 12 अधिकारी व कर्मचारियों को वीरता पदक प्रदान करने की घोषणा की गई है। नक्सल विरोधी अभियानों के दौरान 4 मुठभेड़ों में साहस तथा सूझबूझ का प्रदर्शन कर 6 हार्डकोर नक्सलियों को धराशायी करने के फलस्वरूप “वीरता पदक’’ से 11 अधिकारियों/कर्मचारियों को व एक अन्य प्रकरण में एक अन्य अधिकारी को वीरता पदक प्रदान करने की घोषणा की गई है। तीन वीरता पदकों की घोषणा इसी वर्ष गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या 25 जनवरी 2024 को की गई थी। इस तरह वर्ष 2024 में नक्सल विरोधी अभियानों में 14 वीरता पदक तथा एक अन्य प्रकरण में एक अन्य अधिकारी को वीरता पदक प्रदान करने की घोषणा की गई है। इस प्रकार इस वर्ष कुल 15 वीरता पदक मध्यप्रदेश पुलिस के अधिकारी व कर्मचारी प्राप्त करेंगे।
स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर प्रदेश के 4 पुलिस अधिकारियों को राष्ट्रपति विशिष्ट सेवा पदक और 14 को सराहनीय सेवा पदक देने की घोषणा की गई है। इन पुरस्कारों की घोषणा किए जाने पर मुख्यमंत्री डॉ. यादव एवं डीजीपी श्री सुधीर सक्सेना ने पदक से सम्मानित होने वाले सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को बधाई दी है। पदकों का वितरण अगले वर्ष स्वतंत्रता दिवस समारोह यानी 15 अगस्त 2025 को किया जाएगा। मध्यप्रदेश पुलिस के इतिहास में यह पहला अवसर है जब एक ही वर्ष में 15 वीरता पदक से पुलिस के बहादुर जवानों को सम्मानित किया जा रहा है। यह पदक न सिर्फ विजेताओं के साहस, धैर्य और उत्साह का प्रतीक है, अपितु यह मध्यप्रदेश पुलिस के प्रभावी नेतृत्व को भी दर्शाता है।
एडीजी (गुप्त वार्ता) जयदीप प्रसाद ने बताया कि वीरता पदक पुलिस अधीक्षक समीर सौरभ, सेनानी मोतीउर्रहमान, सेनानी पुनीत गेहलोद, निरीक्षक आशीष शर्मा, उप निरीक्षक मोहम्मद अयूब खान, उप निरीक्षक आशीष शर्मा, उप निरीक्षक मोहनलाल मरावी, उप निरीक्षक नामदेव शर्मा, सहायक उप निरीक्षक राजेश धुर्वे, सहायक उप निरीक्षक अरुण मिश्रा, सहायक उप निरीक्षक अतुल कुमार शुक्ला तथा प्रधान आरक्षक हनुमंत टेकाम को देने की घोषणा की गई है। वहीं इसी वर्ष गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर मध्यप्रदेश पुलिस के तीन जवानों को वीरता पदक प्रदान करने की घोषणा की गई थी, जिनमें निरीक्षक अंशुमान सिंह चौहान, प्रधान आरक्षक अतुल कुमार शुक्ला एवं प्रधान आरक्षक मनोज कुमार कापसे शामिल थे। उल्लेखनीय है कि सहायक उप निरीक्षक अतुल कुमार शुक्ला को पूर्व में 2 बार वीरता पदक प्राप्त हुआ है तथा निरीक्षक आशीष शर्मा को भी दो वीरता पदकों की घोषणा हुई है।
राष्ट्रपति विशिष्ट सेवा पदक अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक चंचल शेखर, पुलिस महानिरीक्षक अरविंद कुमार सक्सेना, पुलिस महानिरीक्षक राजेश कुमार हिंगणकर तथा पुलिस अधीक्षक रामाधार भारद्वाज को देने की घोषणा की गई है।
सराहनीय सेवा पदक उप पुलिस महानिरीक्षक पंकज श्रीवास्तव, उप पुलिस महानिरीक्षक राजेश सिंह, उप पुलिस महानिरीक्षक विनीत कपूर, उप सेनानी अंजना तिवारी, पुलिस अधीक्षक योगेश्वर शर्मा, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक महावीर सिंह मुजाल्दे, सहायक पुलिस महानिरीक्षक इरमीन शाह, उप पुलिस अधीक्षक संजय कुमार दुबे, निरीक्षक सुरेश कुमार बजानघाटे, उप पुलिस अधीक्षक मानवेन्द्र सिंह कुशवाह, उप पुलिस अधीक्षक रवि कुमार द्विवेदी, उप पुलिस अधीक्षक प्रवीण नारायण बघेल, उप पुलिस अधीक्षक सुरेन्द्र सिंह सिकरवार तथा उप निरीक्षक शैलेन्द्र सिंह राजपूत को दिया जाएगा।
प्रदेश में हॉक-फोर्स के जांबाज कमाण्डों ने विगत 5 वर्षों में 3.17 करोड़ के ईनामी 20 हार्डकोर नक्सलियों को विभिन्न मुठभेड़ों में धराशायी किया है।
1) दिनांक 14.12.2023 को जिला बालाघाट के कमकोदादर जंगल क्षेत्र में मुठभेड़ के दौरान नक्सली एसीएम चैतू उर्फ हिडमा मड़काम को धराशायी करने में उनि नामदेव शर्मा, सउनि अरूण मिश्रा, सउनि अतुल कुमार शुक्ला को
2) दिनांक 22.04.2023 को कदला जंगल क्षेत्र में हुई मुठभेड़ में नक्सली एसीएम सरिता तथा एसीएम सुनीता को मार गिराने वाले पुलिस अधीक्षक बालाघाट समीर सौरभ, सेनानी हॉकफोर्स मोती उर रहमान, निरीक्षक आशीष शर्मा, उनि मोहनलाल मरावी, सउनि राजेश धुर्वे को
3) दिनांक 18.12.2022 को हर्राटोला जंगल में हुई मुठभेड़ में नक्सली एसीएम रूपेश उर्फ हुंगा को धराशायी करने में उनि आशीष शर्मा तथा प्र.आर. हनुमंत टेकाम को
4) दिनांक 30.11.2022 को जामसेहरा जंगल में हुई मुठभेड़ में नक्सली डीव्हीसीएम गणेश तथा एसीएम कमांडर राजेश बंजाम को धराशायी करने में तत्कालीन सेनानी हॉकफोर्स (पुलिस अधीक्षक बड़वानी) पुनीत गेहलोद सहित उपरोक्त सभी को मुठभेड़ों में प्रदर्शित साहस तथा सूझबूझ के फलस्वरूप वीरता पदक प्रदान करने की घोषणा की गई है। मुठभेड़ों में मारे गये नक्सलियों पर 99 लाख रुपए का ईनाम घोषित था। इन मुठभेड़ों में उल्लेखनीय भूमिका निभाने वाले 101 शासकीय सेवकों को क्रम पूर्व पदोन्नति प्रदान की गई है।
5) निरीक्षक मो. अयूब खान ने जान की बाजी लगाकर रतलाम में 30 हजार रुपए के इनामी तिहरे हत्याकांड के दुर्दांत अपराधी को एनकाउंटर में धराशायी किया था। खान को उनकी इस बहादुरी के लिए वीरता पदक प्रदान किया जाएगा।