देशभर में जन्माष्टमी का त्यौहार बड़े ही उत्साह और श्रद्धा के साथ मनाया जा रहा है। दुनिया भर के मंदिरों में श्रद्धालु भगवान श्रीकृष्ण के दर्शन के लिए भारी संख्या में जुट रहे हैं। इस अवसर पर राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और प्रधानमंत्री ने देशवासियों को जन्माष्टमी की शुभकामनाएं दी हैं। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने सोशल मीडिया पोस्ट में सभी से भगवान श्री कृष्ण की शिक्षाओं को अपनाने और देश की प्रगति तथा समृद्धि के लिए काम करने का आग्रह किया। राष्ट्रपति ने कहा कि यह त्यौहार सभी को भगवान श्री कृष्ण के दिव्य आदर्शों के प्रति समर्पित होने की प्रेरणा देता है।
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा कि जन्माष्टमी आध्यात्मिक महत्व का दिन है। उन्होंने लोगों से अपने जीवन में भगवान कृष्ण की शाश्वत शिक्षाओं को प्रतिबिंबित करने और समाज में एकता, शांति और सद्भाव बढाने का आग्रह किया।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जन्माष्टमी के पावन अवसर पर लोगों को शुभकामनाएं दी हैं। प्रधानमंत्री ने एक्स पर जारी एक पोस्ट में कहा ‘आप सभी को जन्माष्टमी की अनंत शुभकामनाएं। जय श्रीकृष्ण!’।
सुबह से ही श्रद्धालुजन मंदिरों में कान्हा के दर्शन करने के लिए आ रहे हैं। मथुरा और वृंदावन में जन्माष्टमी की भव्य तैयारियां की गई हैं और भक्तों के लिए खास व्यवस्था की गई है। श्री कृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान ने घोषणा की है कि कृष्ण जन्मस्थान मंदिर 26 अगस्त को 20 घंटे के लिए खुला रहेगा जिससे भक्त निर्बाध दर्शन कर सकेंगे। मंदिर आमतौर पर 12 घंटे के लिए खुला रहता है। आज तड़के श्रीकृष्ण जन्मभूमि मंदिर के पर्दे खोले गए और सबसे पहले भगवान की आरती की गई। मध्य प्रदेश के उज्जैन में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर महाकालेश्वर मंदिर में विशेष भस्म आरती की गई है। उत्तर प्रदेश के नोएडा के इस्कॉन मंदिर में लोग बांकेबिहारी की पूजा कर रहे हैं। वहीं मुंबई के चौपाटी स्थित इस्कॉन मंदिर में भी भगवान श्रीकृष्ण के दर्शन के लिए भक्तों की भीड़ उमड़ रही है।गुजरात के अहमदाबाद के इस्कॉन मंदिर में भी लोग भगवान के दर्शन कर रहे हैं। हिमाचल प्रदेश के पर्यटक स्थल मनाली के माल रोड में इस्कॉन के तत्वावधान में आयोजित श्रीकृष्ण जन्माष्टमी उत्सव में हिस्सा लेने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु एकत्रित हुए हैं।
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने प्रदेशवासियों को बधाई और शुभकामनाएँ दी हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा है कि धर्म की रक्षा और अधर्मियों का नाश करने स्वयं भगवान को श्रीकृष्ण स्वरूप में पृथ्वी पर आना पड़ा। उन्होंने संसार को पाप, अधर्म, अत्याचार से मुक्त कर धर्म की स्थापना की। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि नन्हे कान्हा से योगेश्वर भगवान श्री कृष्ण बनने के लिए घनश्याम श्रीकृष्ण को मनुष्य की भांति जीवन की अनेक बाधाएं, संघर्ष, दु:ख, कष्ट, अपमान तथा पीड़ाओं को सहन करना पड़ा। भगवान श्रीकृष्ण ने संसार को फल की इच्छा छोड़कर केवल अच्छे कर्म कर स्वयं पर विश्वास करने की शिक्षा दी। संसार को भगवान श्रीकृष्ण से मित्रता की जो शिक्षा मिली, वह अनुकरणीय है। श्रीकृष्ण ने नारी सम्मान को सर्वोच्च प्राथमिकता दी। उनका आदर्श जीवन हर युग में प्रासंगिक और प्रेरणादायी है।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने प्रदेश के नागरिकों विशेषकर युवाओं से भौतिकता की चमक-दमक में अपने पौराणिक इतिहास को विस्मृत न होने देने और जन्माष्टमी पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाने का आव्हान किया है।
नगरीय प्रशासन एवं आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने प्रदेशवासियों को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर शुभकामनाएँ दी हैं। उन्होंने अपने संदेश में कहा है कि भगवान कृष्ण ने हमेशा सत्य और न्याय के मार्ग पर चलने का उपदेश दिया है। उनका प्रेरणादायी जीवन हम सबको इस मार्ग पर चलने की सीख देता है।
भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव पर उप मुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा ने प्रदेश वासियो को हार्दिक शुभकामनाएं दी है। उन्होंने कहा कि आइए हम भगवान श्री कृष्ण के जीवन और शिक्षाओं से प्रेरणा लें और सत्य, न्याय, और प्रेम के मार्ग पर चलने का संकल्प लें। देवड़ा ने कहा कि भगवान श्री कृष्ण की कृपा से हम सब के जीवन में सुख, शांति, और समृद्धि बनी रहे ऐसा प्रभु से कामना करें। एक बार पुनः सभी को जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएँ।
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की समस्त प्रदेशवासियों को उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल ने हार्दिक शुभकामनाएँ दी हैं। उन्होंने कहा कि श्रीकृष्ण के जीवन से हमें धर्म, सत्य और न्याय के मार्ग पर चलने की प्रेरणा मिलती है। श्रीकृष्ण का कर्मयोग का सिद्धांत हमें सिखाता है कि व्यक्ति को अपने कर्तव्यों का पालन निस्वार्थ भाव से करना चाहिए। उनके उपदेश और शिक्षाएँ आज भी हमें जीवन में सही दिशा दिखाते हैं।
उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल ने कहा कि जन्माष्टमी का पर्व केवल धार्मिक उत्सव नहीं है, बल्कि यह समाज में सद्भाव, प्रेम, और भाईचारे का संदेश भी देता है। यह त्योहार हमें भगवान श्रीकृष्ण के उपदेशों को आत्मसात कर अपने जीवन में सकारात्मकता और शांति का प्रसार करने के लिए प्रेरित करता है। उन्होंने प्रदेशवासियों से अपील की है कि वे इस पर्व को उत्साह और हर्षोल्लास के साथ मनाएँ।