गुजरात के गांधीनगर स्थित महात्मा मंदिर से कल 7वें राष्ट्रीय पोषण माह का शुभारंभ किया गया। देश भर में पोषण संबंधी जागरूकता और स्वास्थ्य को बढ़ावा देने पर केंद्रित इस कार्यक्रम में केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी, गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्रभाई पटेल, गुजरात सरकार की महिला एवं बाल विकास मंत्री भानुबेन बाबरिया, भारत सरकार और गुजरात सरकार के वरिष्ठ अधिकारी तथा अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
दिन की शुरुआत सुबह 10:00 बजे से 11:30 बजे तक “एक पेड़ मां के नाम” के तहत राष्ट्रव्यापी पौधारोपण अभियान से हुई। केंद्रीय मंत्री ने गुजरात की महिला एवं बाल विकास मंत्री और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ इस अभियान का नेतृत्व किया और गांधीनगर के एक आंगनवाड़ी केंद्र में फलदार पौधे लगाए, जो पोषण और पर्यावरणीय स्थिरता के महत्व का प्रतीक हैं।
मुख्य कार्यक्रम महात्मा मंदिर में आयोजित किया गया। मुख्य अतिथि गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्रभाई पटेल ने प्रमुख भाषण दिया। इस अवसर पर अपने संबोधन में उन्होंने देश के विकास की संवृद्धि हेतु मजबूत और स्वस्थ मानव संसाधन के निर्माण में पोषण के महत्व पर जोर दिया।
केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने अपने संबोधन में बच्चों और किशोरों का बेहतर स्वास्थ्य सुनिश्चित करने और जीवन चक्र दृष्टिकोण पर ध्यान केंद्रित करके कुपोषण की समस्या से निपटने पर जोर दिया। उन्होंने चार स्तंभों – सुशासन, अभिसरण, क्षमता निर्माण, सामुदायिक भागीदारी और स्वामित्व पर जोर दिया, जिन पर पोषण 2.0 की सफलता निर्भर है।
अनिल मलिक, सचिव, महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, भारत सरकार ने भी उपस्थित लोगों को संबोधित किया तथा आहार में विविधता को बढ़ावा देने और दैनिक आहार में स्थानीय रूप से उगाए जाने वाले पौष्टिक खाद्य पदार्थों को शामिल करने के महत्व के बारे में चर्चा की।
गर्भवती एवं स्तनपान कराने वाली माताओं को ‘न्यूट्री बास्केट’ प्रदान की गईं तथा शिशुओं का अन्नप्राशन संस्कार किया गया। गणमान्य व्यक्तियों द्वारा वहली डिक्री योजना, विधवा पेंशन योजना, विधवा पुनर्विवाह सहायता योजना और महिला स्वालंबन योजना आदि सहित विभिन्न योजनाओं की लाभार्थियों को उनकी संबंधित योजना के तहत विशेष लाभ प्रदान किए गए।
आयोजन स्थल पर एक प्रदर्शनी भी लगाई गई जिसमें पोषण ट्रैकर, पोषण भी पढ़ाई भी और राज्य की ओर से शुरू की गई पोषण और महिला सुरक्षा से संबंधित अन्य पहलों जैसे ‘वांगी प्रदर्शन’, 181 हेल्पलाइन आदि को प्रदर्शित किया गया।
स्तनपान और पूरक आहार जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर आयोजित विविध क्षेत्रीय सांस्कृतिक प्रस्तुतियों और नाटकों ने पोषण के महत्व को और अधिक रेखांकित किया। 7वां राष्ट्रीय पोषण माह 2024 – एनीमिया, विकास निगरानी, पूरक आहार, पोषण भी पढ़ाई भी, बेहतर शासन के लिए प्रौद्योगिकी और एक पेड़ मां के नाम विषयों पर केंद्रित होगा।
प्रधानमंत्री के ‘सुपोषित भारत’ के विजन को आगे बढ़ाते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा, “पोषण माह एक राष्ट्रव्यापी उत्सव बन रहा है और जन आंदोलन का रूप ले रहा है। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय अपने मिशन पोषण 2.0 के माध्यम से देश भर में बच्चों, किशोरियों, गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं में कुपोषण की समस्या से निपटने के लिए प्रतिबद्ध है।” महीने भर चलने वाले इस अभियान का उद्देश्य कुपोषण से निपटने के प्रयासों में और तेजी लाना तथा देश भर में समग्र स्वास्थ्य को बढ़ावा देना है।