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जाति प्रमाण पत्र बनाने की व्यवस्था का हो सरलीकरण : मुख्यमंत्री डॉ. यादव

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने प्रदेश में जाति प्रमाण पत्र बनाने की व्यवस्था का सरलीकरण करने के निर्देश दिए है। उन्होंने कहा है कि जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने की व्यवस्था को भी जन-सुलभ बनाया जाए। इसके लिए संबंधित विभागों में परस्पर समन्वय सुनिश्चित किया जाए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने पिछड़ा वर्ग पोस्ट मेट्रिक बालिका छात्रावासों में मैस का संचालन आरंभ करने तथा बालिका छात्रावासों की सुरक्षा के लिए बाउण्ड्रीवॉल बनाने के निर्देश दिए। इन छात्रावासों में सोलर पैनल भी लगाए जाएंगे। उन्होंने वर्ष 2024-25 में पिछड़ा वर्ग पोस्ट मेट्रिक छात्रवृत्ति भुगतान के लिए वर्तमान बजट प्रावधान के अतिरिक्त 560 करोड़ रूपए बजट के साथ ही छात्रवृत्ति के लिए पृथक पोर्टल को भी स्वीकृति प्रदान की। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने मंत्रालय में पिछड़ा वर्ग-अल्पसंख्यक कल्याण तथा विमुक्त, घुमन्तु और अर्द्ध-घुमन्तु कल्याण विभाग की समीक्षा में यह निर्देश दिए। बैठक में विभाग की मंत्री कृष्णा गौर, मुख्य सचिव वीरा राणा, अपर मुख्य सचिव डॉ. राजेश राजौरा सहित विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि जिन विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति उपलब्ध कराई जा रही है, उनकी शाला में नियमित उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक प्रबंध किए जाएं। उन्होंने कहा कि पिछड़ा वर्ग विदेश अध्ययन छात्रवृत्ति के अंतर्गत लाभान्वित हुए विद्यार्थियों के प्रदेश को योगदान का भी आंकलन किया जाए। उन्होंने कहा कि पिछड़े वर्ग के बेरोजगार युवाओं को विदेश में रोजगार उपलब्ध कराने के लिए संचालित योजना के अंतर्गत संबंधित देश की भाषा में दक्षता के लिए प्रदेश के चयनित संभागों में आवश्यक व्यवस्था कर सघन प्रयास किए जाएं। इसके साथ ही सरदार पटेल रोजगार प्रशिक्षण योजना और पिछड़ा वर्ग के परम्परागत व्यवसायों पर आधारित उत्कृष्टता केन्द्रों की स्थापना में बाजार की मांग के अनुरूप व्यवसायों और उत्पादों पर फोकस किया जाए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने मुख्यमंत्री पिछड़ा वर्ग तथा अल्प-संख्यक उद्यम एवं स्व-रोजगार योजना के अंतर्गत गतिविधियों को विस्तार देने की आवश्यकता बताई।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने विमुक्त, घुमन्तु और अर्द्ध-घुमन्तु कल्याण विभाग की समीक्षा के दौरान कहा कि कंजर, सांसी, पारधी तथा अन्य समुदायों के युवाओं और अगली पीढ़ी को शिक्षा, उद्यमिता और विकास से जोड़ने के लिए शासकीय प्रयासों के साथ-साथ सामाजिक संस्थाओं को भी पहल करने के लिए प्रेरित किया जाए। पुलिस, होमगार्ड तथा सुरक्षा संबंधी सेवाओं में चयन के लिए इन समुदायों के युवाओं को आवश्यक प्रशिक्षण उपलब्ध कराया जाए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कंजर, सांसी, पारधी समुदायों के लिए औपनिवेशिक प्रभाव के परिणामस्वरूप उपयोग में लाए जाने वाले संबोधनों को त्यागने के लिए पुलिस अधिकारियों व मीडिया की काउंसलिंग की जाएं। विमुक्त, घुमन्तु अर्द्ध घुमन्तु जातियों को सांस्कृतिक और समुदाय की गतिविधियों के लिए सामुदायिक भवनों के निर्माण की स्वीकृति भी दी गई। बैठक में बताया गया कि विमुक्त घुमन्तु और अर्द्ध घुमन्तु जातियों के सर्वे का कार्य भी शुरू किया गया है।

 

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