वन एवं पर्यावरण मंत्री रामनिवास रावत ने सेंसईपुरा फॉरेस्ट परिसर में भारत में चीता पुनर्जीवन परियोजना के सफल दो साल पूरा होने पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि चीता प्रोजेक्ट से श्योपुर जिले को विश्वभर में पहचान मिली है। चीता प्रोजेक्ट से जुडे अधिकारियों, वन्यप्राणी विशेषज्ञों, वन्य प्राणी चिकित्सकों एवं चीता मित्रों की कड़ी मेहनत तथा क्षेत्रीय नागरिकों की जागरूकता से कूनो नेशनल पार्क में चीता प्रोजेक्ट ने सफलता हासिल की। उन्होंने कहा कि कोर एरिया में पदस्थ स्टॉफ को विशेष सुविधाएं देने के लिए वन विभाग द्वारा प्रस्ताव तैयार किया जायेगा। रामनिवास रावत ने कूनो नेशनल पार्क में 2 करोड 29 लाख रूपये की लागत से निर्मित चीता एवं वाइल्ड लाइफ अस्पताल का लोकार्पण किया।
पीसीसीएफ वाइल्ड लाइफ व्हीएन अम्बाडे, सदस्य एनटीसीए डॉ. जी.एस. भारद्वाज, सलाहकार चीता प्रोजेक्ट डॉ एसपी यादव, डायरेक्टर लायन प्रोजेक्ट उत्तम शर्मा, सीसीएफ ग्वालियर टीएस सुलिया, डीएफओ कूनो आर थिरूकुराल सहित जन-प्रतिनिधि, चीता मित्र तथा अधिकारी, कर्मचारी उपस्थित रहे।
रामनिवास रावत ने कहा कि भारत के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विशेष प्रयासों से भारत में चीता प्रोजेक्ट के माध्यम से चीतों को नया जीवन मिला है, प्रधानमंत्री मोदी के आभारी हैं। उन्होंने चीता प्रोजेक्ट के दो साल सफल पूर्ण होने पर प्रधानमंत्री को शुभकामनाएं देते हुए धन्यवाद ज्ञापित किया तथा प्रोजेक्ट के लिए केन्द्रीय वन मंत्री भूपेन्द्र यादव का आभार जताया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के इस महत्वकांक्षी प्रोजेक्ट को मध्यप्रदेश सरकार आगे बढ़ा रही है।
वन एवं पर्यावरण मंत्री रावत ने कहा कि अधिकारियों, वन्य विशेषज्ञों के साथ ही चीता मित्र इस प्रोजेक्ट की सफलता के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे है। चीता मित्र प्रकृति एवं प्राणियों का संरक्षण तथा पालन कर रहे है। आज 490 के लगभग चीता मित्र इस प्रोजेक्ट से जुडकर इसे सफल बनाने के लिए कार्यरत है।
इस अवसर पर वन एवं पर्यावरण मंत्री रावत द्वारा महिला चीता मित्रो को साडी भेंटकर सम्मानित किया गया, इस दौरान चीता प्रोजेक्ट का वार्षिक प्रतिवेदन भी रिलीज किया गया। कार्यक्रम के दौरान चीता प्रोजेक्ट पर बनी डॉक्यूमेंट्री फिल्म का ट्रेलर भी लांच किया गया।
पीसीसीएफ वाइल्ड लाइफ व्हीएन अम्बाडे ने स्वागत में कहा कि चीता प्रोजेक्ट में कूनो नेशनल पार्क का क्षेत्रफल 1235 वर्ग किलोमीटर से बढ़ाकर 1777 वर्ग किलोमीटर किया गया है। उन्होने कहा कि आज चीता प्रोजेक्ट के तहत भारत की जमीन पर पैदा हुए 12 शावक इस प्रोजेक्ट की सफलता को दर्शाते है। चीता मित्र चेतन भारद्वाज ने भी अपने विचार एवं अनुभव सांझा किये। चीता मित्रों द्वारा साईकिल जागरूकता रैली निकाली गई। डीएफओ आर थिरूकुराल द्वारा स्मृति चिन्ह भेंट किये गये।