मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि औद्योगिक क्षेत्रों के पास श्रमिकों के लिए सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाएं। ऐसी व्यवस्था की जाए कि नए उद्योग जहां स्थापित हो रहे हैं, वहां उद्योग अन्य संस्थाओं के सहयोग से श्रमिकों के लिए रहवास की सुविधा विकसित हो। औद्योगिक क्षेत्रों में झुग्गी-बस्तियों का नियंत्रण भी इससे हो सकेगा। श्रम विभाग द्वारा इस्कॉन जैसी संस्थाओं से सम्पर्क कर उनकी तर्ज पर भोजन व्यवस्था भी प्रारंभ की जाए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने युवा, महिला और निर्धन वर्ग को लाभान्वित करने का संकल्प लिया है। इस नाते श्रम विभाग अन्य विभागों से समन्वय बढ़ाकर इन वर्गों के हित में आवश्यक कदम उठाएं। रोजगार आधारित उद्योगों के लिए औद्योगिक संस्थान में ही प्रशिक्षण की व्यवस्था भी की जाए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव कल मंत्रालय में श्रम विभाग की गतिविधियों एवं योजनाओं की समीक्षा कर रहे थे। इस अवसर पर श्रम तथा पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री प्रहलाद पटेल भी उपस्थित थे। बैठक में बताया गया कि प्रदेश के 16 नगरनिगम क्षेत्रों में श्रमिकों के लिए मॉडल रैन बसेरे बनाने की कार्यवाही चल रही है।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मजदूरों के बकाया भुगतान से संबंधित जो मामले लंबित हैं, उन्हें समय-सीमा सुनिश्चित कर निपटाया जाए। इंदौर, नागदा, रतलाम और ग्वालियर के विभिन्न मिलों के साथ ही अन्य मिलों के श्रमिकों की पुराना बकाया राशि दिलवाने के लिए राज्य सरकार संकल्पबद्ध है। विभागीय स्तर पर भी इसकी नियमित समीक्षा की जाए। प्रमुख सचिव राघवेन्द्र सिंह ने ऐसे प्रकरणों में हो रहे कार्य की प्रगति से अवगत करवाया।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मॉडल श्रम कल्याण केन्द्र ऐसे औद्योगिक क्षेत्रों के नजदीक बनाएं जाएं, जहां श्रमिक संख्या अधिक है, जिससे श्रमिकों को लाभ प्राप्त हो सके। उन्होंने सतना, ग्वालियर में श्रमिक कल्याण केन्द्र बनाने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि औजार, उपकरण खरीदी के लिए अनुदान योजना को पीएम विश्वकर्मा योजना के साथ जोड़कर कार्य किया जाए।
कर्मचारी राज्य बीमा निगम की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि निगम द्वारा श्रमिकों को दी जाने वाली उपचार सहायता का प्रचार माध्यमों द्वारा व्यापक प्रचार-प्रसार कराया जाए। उन्होंने निर्देशित किया कि पूरे प्रदेश में कर्मचारी राज्य बीमा निगम द्वारा संचालित चिकित्सालयों का भौतिक निरीक्षण करें एवं ऐसे भवन जो जर्जर, क्षतिग्रस्त और मरम्मत योग्य हैं, नियमानुसार उनके उपयोगी बनाने की कार्यवाही करें। पीथमपुर में बनाए जा रहे 100 बिस्तरीय चिकित्सालय शीघ्र प्रारंभ किया जाए।
बैठक में बताया गया कि मध्यप्रदेश भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार मंडल प्रदेश में भोपाल, इंदौर, जबलपुर और ग्वालियर में चार श्रमोदय आवासीय विद्यालय सफलतापूर्वक संचालित कर रहा है। इन विद्यालयों में सीबीएसई पाठ्यक्रम का लाभ 3500 से अधिक विद्यार्थी ले रहे हैं। इन विद्यालयों के 15 विद्यार्थियों ने जेईई और नीट परीक्षा उत्तीर्ण की है। यही नहीं 13 विद्यार्थी नेवी और सशस्त्र बलों में चयनित हुए हैं। भोपाल स्थित श्रमोदय आदर्श आई.टी.आई का संचालन क्रिस्प संस्था कर रही है। इसके प्रथम शैक्षणिक सत्र 2023-24 के लिए 139 प्रशिक्षणार्थी विभिन्न 8 ट्रेडों में कौशल प्रशिक्षण ले रहे हैं। यहाँ नि:शुल्क आवास और भोजन के साथ ही गणवेश, पठन-पाठन सामग्री की व्यवस्था है। प्रदेश में कर्मकार कल्याण मंडल द्वारा वर्ष 2023-24 में विभिन्न 21 योजनाओं में एक लाख 14 हजार 900 हितग्राहियों को लाभान्वित किया गया। वर्तमान वित्त वर्ष में भी इन योजनाओं से बीते पांच माह में 51 हजार 226 श्रमिक हितग्राही लाभान्वित हुए हैं।
बैठक में मध्यप्रदेश संकल्प पत्र : 2024 के बिंदुओं पर चर्चा की गई। बैठक में बताया गया कि प्रदेश के 16 नगर निगम में 100 बिस्तर क्षमता के मॉडल रैन बसेरे बनाने की कार्यवाही चल रही है। इनका संचालन जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में गठित समिति नगर निगम के माध्यम से करेगी। श्रम विभाग को भोपाल, सागर, जबलपुर और इंदौर के प्रस्ताव प्राप्त हो चुके हैं। अन्य स्थानों पर भी रैन बसेरों के लिए भूमि चिन्हांकित की जा चुकी है। महिला एवं पुरूष के लिए अलग-अलग ठहने की व्यवस्था के साथ ही रैन बसेरों में डिस्पेंसरी व्यवस्था भी रहेगी। प्रति रैन बसेरे के निर्माण पर लगभग 6 करोड़ रूपए की राशि व्यय होगी। म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल अंतर्गत मंडल को प्राप्त होने वाली उपकर राशि, आदर्श आईटीआई एवं श्रमोदय आवासीय विद्यालय के संचालन, ई-श्रम पोर्टल पर श्रमिकों का पंजीयन, श्रमिक विश्राम गृह का निर्माण, संबल योजना अंतर्गत गिग वर्कर्स के पंजीयन की अद्यतन स्थिति पर चर्चा की गई। बैठक में प्रमुख उपलब्धियों का ब्यौरा भी दिया गया। इनमें ई-श्रम पोर्टल पर 1.81 करोड़ श्रमिकों का पंजीयन कर देश में चौथा स्थान प्राप्त करने, सभी असंगठित श्रमिकों का आयुष्मान भारत पीएम-श्रम योगी मानधन योजना में शत-प्रतिशत पंजीकरण का लक्ष्य, प्रदेश में लगभग 15 लाख पंजीकृत निर्माण श्रमिकों के आयुष्मान कार्ड जारी करने, संबल योजना के अंतर्गत पंजीकृत श्रमिकों को आयुष्मान भारत योजना से जोड़ने जिलों में विश्राम शालाएं बनाने, एक अप्रैल 2024 से न्यूतनम वेतन अधिनियम के अंतर्गत मूल वेतन की दरों के पुनरीक्षण की कार्यवाही पूर्ण करने की उपलब्धि शामिल है।
श्रम मंत्री प्रहलाद पटेल ने बताया कि औद्योगिक क्षेत्रों में श्रमिकों के कल्याण के लिए विभिन्न योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन के लिए निरंतर समीक्षा की जा रही है। श्रमिक कल्याण के कार्यों में श्रम संगठनों का सहयोग भी प्राप्त किया जा रहा है। विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा जिलों में कार्यों और योजनाओं के क्रियान्वयन का निरीक्षण भी किया जा रहा है। बैठक में अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री कार्यालय डॉ. राजेश राजौरा, प्रमुख सचिव श्रम उमाकांत उमराव, प्रमुख सचिव वित्त मनीष रस्तोगी, श्रमायुक्त धनराजू एस सहित श्रम विभाग और ईएसआईसी के अधिकारी उपस्थित थे।