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अक्टूबर से शुरू आधुनिक कृषि चाैपाल, वैज्ञानिकों व किसानों के बीच होगा सीधा संवाद : शिवराज सिंह चौहान

केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कल कहा कि अक्टूबर से आधुनिक चौपाल शुरू होगी। अक्टूबर के पहले सप्ताह से शुरू हो रही यह चौपाल प्रत्येक माह पहले मंगलवार को सुबह दूरदर्शन व आकाशवाणी पर आयोजित की जाएगी। इसके माध्यम से कृषि विज्ञानी सीधे किसानाें व किसान संगठनाें से संवाद करेंगे। इसमें किसानों को आधुनिक शोध और नई तकनीकों के बारें में की जानकारी दी जाएगी।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र माेदी के तीसरे कार्यकाल के पहले साै दिन पूरे हाेने पर आज गुरुवार को नेशनल मीडिया सेंटर में पत्रकाराें काे संबाेधित करते हुए केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज चौहान ने बताया कि पर्यावरण में आए बदलावों की वजह से किसानों के सामने आई चुनौतियों को दूर करने की दिशा में प्रयास किए गए। सूखा व बाढ़ जैसी प्राकृतिक चुनौतियों से निबटने के लिए पिछले दिनों 65 फसलों की 109 प्रजातियों के बीज किसानों तक पहुंचाने का निर्णय लिया गया। किसानों तक बीज जल्दी पहुंचाने की रणनीति बनाई गई है। निजी निवेशकों को भी बीज उपलब्ध कराए जा रहे हैं।

केंद्रीय मंत्री ने बताया कि किसानों को यूरिया की बाेरी 2366 रुपये की जगह 266 रुपये और डीएपी की बाेरी 2433 रुपये की जगह 1350 रुपये में उपलब्ध कराई जा रही है। उन्होंने बताया कि रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण इसकी कीमतों को नियंत्रित करने के लिए 2625 करोड़ रुपये का पैकेज केंद्र सरकार ने दिया। केंद्रीय मंत्री ने बताया एक दिन पहले कैबिनेट ने केवल रबी की फसल के लिए 24475 करोड़ रुपये की मंजूरी दी। फर्टिलाइजर की सब्सिडी के लिए पिछले साल दी गई एक लाख 94 हजार करोड़ रुपये की राशि आंवटित की गई थी। इस वर्ष भी मिलेगी, इसमें कमी नहीं आएगी।

उन्होंने बतााया कि उत्पादन की लागत को घटाने के लिए प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के तहत 9.5 करोड़ किसानों को 21 हजार करोड़ सीधे उनके खातों भेजे गए, जो किसान इससे छूट गए थे उनको एक विशेष अभियान चलाकर 25 लाख नए नाम इसमें जोड़े। उन्होंने कहा उत्पादन लागत को कम करने के लिए एक और महत्वपूर्ण कदम किसान क्रेडिट कार्ड के तहत 7 करोड़ से अधिक किसानों को इसका फायदा पहुंचा है। किसानों को खाद और बीज के लिए कम ब्याज की दरों पर लगभग 4 प्रतिशत की दर से सरकार ऋण उपलब्ध कराती है। इस बार सरकार ने किसान क्रेडिट कार्ड के लिए 22 हजार 6 सौ करोड़ का प्रावधन किया है।

कृषि मंत्री के मुताबिक नेशनल पेस्ट सर्विलांस सिस्टम शुरू किया गया है। किसान अपनी फसल की फोटो डाल सीधे विज्ञानियों की सलाह पर फसल में लगी बीमारियों को दूर करने के लिए दवा का उपयोग कर सकते हैं। इससे किसानों को अपनी फसल बचाने में देरी नहीं होगी। राष्ट्रीय नाशीजीवी (कीट) निगरानी प्रणाली (एनपीएसएस) लॉन्च किया गया। जिसके माध्यम से किसान को कीट की सटीक पहचान और प्रबंधन हेतु शीघ्र सलाह दी जाती है।

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