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एनएचआरसी ने केरल की एक चार्टर्ड अकाउंटेंट लड़की की पुणे में उसकी कंपनी में अत्यधिक कार्यभार के कारण हुई कथित मौत का स्वतः संज्ञान लिया

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी), भारत ने मीडिया रिपोर्टों का स्वतः संज्ञान लिया है कि केरल की एक 26 वर्षीय चार्टर्ड अकाउंटेंट लड़की की 20 जुलाई 2024 को महाराष्ट्र के पुणे में कथित तौर पर अर्न्स्ट एंड यंग में अत्यधिक कार्य करने के कारण मृत्यु हो गई। वह चार महीने पहले ही नौकरी पर आई थी। कथित तौर पर, मां ने नियोक्ता को एक पत्र लिखकर दावा किया है कि लंबे समय तक काम करने से उसकी बेटी के शारीरिक, भावनात्मक और मानसिक स्वास्थ्य पर भारी असर पड़ा है, हालांकि कंपनी ने इस आरोप को खारिज कर दिया है। केंद्रीय श्रम और रोजगार मंत्रालय मामले की जांच करवा रहा है।

आयोग ने पाया है कि मीडिया रिपोर्ट काही गई बातें यदि सत्य है तो यह कार्य के दौरान युवा नागरिकों के सामने आने वाली चुनौतियों के बारे में गंभीर मुद्दे उठाती है, जो मानसिक तनाव, चिंता और नींद की कमी से पीड़ित हैं, जो अव्यवहारिक लक्ष्यों और समयसीमाओं को पूरा करते हुए उनके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डालते हैं, जिसके परिणामस्वरूप उनके मानवाधिकारों का गंभीर उल्लंघन होता है। प्रत्येक नियोक्ता का यह प्रमुख कर्तव्य है कि वह अपने कर्मचारियों को सुरक्षित, संरक्षित और सकारात्मक वातावरण प्रदान करे। उन्हें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उनके साथ काम करने वाले सभी लोगों के साथ सम्मान और निष्पक्षता से पेश आया जाए।

आयोग ने आगे जोर देते हुए कहा है कि व्यवसायों को मानवाधिकारों के मुद्दों के लिए जवाबदेही लेनी चाहिए और वैश्विक मानवाधिकार मानकों को सुनिश्चित करते हुए नियमित रूप से अपने काम और रोजगार नीतियों और विनियमों को अपडेट और संशोधित करना चाहिए। इस मामले में युवा कर्मचारी की दर्दनाक मौत ने संकेत दिया है कि देश में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सभी हितधारकों द्वारा तत्काल कदम उठाए जाने की आवश्यकता है।

इसके अनुसार, आयोग ने केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्रालय को नोटिस जारी कर मामले में विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। आयोग युवा कर्मचारी की मौत से संबंधित इस मामले में कथित तौर पर की जा रही जांच के नतीजे भी जानना चाहेगा। इसके अलावा, आयोग यह भी जानना चाहेगा कि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो, इसके लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं और क्या उठाए जाने का प्रस्ताव है। चार सप्ताह के भीतर जवाब मिलने की उम्मीद है।

18 सितंबर, 2024 को प्रकाशित मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, मृतक लड़की की मां ने दावा किया है कि उनकी बेटी की मौत व्यापक कार्य संस्कृति को दर्शाती है, जो स्वास्थ्य की कीमत पर कड़ी मेहनत को बढ़ावा देती है। उन्होंने कथित तौर पर कहा है कि मूल्यों और मानवाधिकारों की बात करने वाली एक कंपनी अपने ही एक कर्मचारी के अंतिम संस्कार में शामिल होने से कैसे चूक सकती है।

उल्लेखनीय है कि हाल ही में आयोग ने हरियाणा और तमिलनाडु राज्यों में दो बहुराष्ट्रीय कंपनियों द्वारा कार्यस्थल पर कथित अनुचित व्यवहार के बारे में मीडिया रिपोर्टों का स्वत: संज्ञान लिया था। दोनों मामले आयोग के समक्ष विचाराधीन हैं। इसके अलावा, आयोग विभिन्न मंचों पर व्यवसायों पर जोर दे रहा है कि वे स्थायी रूप से संचालन करने के लिए अपने संगठनात्मक संस्कृति में मानवाधिकार संरक्षण, सुरक्षा और संरक्षा को एकीकृत करें, तथा इन सिद्धांतों को इस तरह से नीतियां बनाने के लिए विस्तारित करें कि श्रमिकों के कल्याण के लिए एक स्वस्थ कार्य वातावरण बनाया जा सके। पिछले वर्ष आयोग ने मानवाधिकारों के बारे में विभिन्न हितधारकों, विशेषकर व्यवसाय और उद्योग को संवेदनशील बनाने के लिए ‘व्यवसायों में मानवाधिकारों और जलवायु मुद्दों के सामंजस्य’ पर एक सम्मेलन आयोजित किया था। आयोग ने व्यवसाय में मानवाधिकारों के उल्लंघन को बढ़ावा देने वाली विभिन्न प्रथाओं और कार्य करने के माहौल पर गौर करने के लिए एक ‘विशेष मॉनिटर’ भी नियुक्त किया है। आयोग ने व्यवसाय पर्यावरण और मानवाधिकारों से संबंधित मौजूदा कानूनों और विनियमों की समीक्षा करने और सुधार के उपाय सुझाने के लिए विशेष रूप से ‘व्यवसाय और मानवाधिकारों पर एक कोर समूह’ का गठन किया है। इन सूचनाओं के आधार पर, आयोग अपनी सिफारिशें तैयार करने और उन्हें केंद्र और राज्य सरकारों तथा उनकी एजेंसियों को भेजने का इरादा रखता है, ताकि व्यापार और उद्योग में मानवाधिकारों की सुरक्षा और स्वस्थ कार्य वातावरण सुनिश्चित किया जा सके।

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