नवरात्रि के नौ दिनों में मां दुर्गा की पूजा आराधना की जाती है। महा अष्टमी और महानवमी के दिन कन्याओं की पूजा की जाती है। देवी मां को प्रसन्न करने के लिए छोटी-छोटी कन्याओं की पूजा की जाती है। साथ ही उन्हें उपहार भी दिया जाता है। ये परंपरा काफी समय से चली आ रही है। जिसका पालन ज्यादातर घरों में किया जाता है। नवरात्रि में कलश स्थापना और पूजा के साथ ही कन्याओं को भोजन जरूर कराया जाता है। कन्याओं को उपहार में इन पांच चीजों को देने से माता रानी प्रसन्न होती हैं। आइए जानते हैं कि वे पांच चीजें कौन सी हैं।
लाल वस्त्र
कन्याओं का पूजन करने के साथ ही उन्हें लाल वस्त्र उपहार स्वरूप देने चाहिए। माता रानी को लाल वस्त्र काफी पसंद है। अगर आप लाल वस्त्र देने में असमर्थ हैं तो लाल रंग की चुनरी हर कन्या को ओढ़ाएं। इससे भी देवी मां का आशीर्वाद मिलेगा।
फल
कन्याओं को भोजन कराने में एक फल जरूर दें। माना जाता है कि फल उपहार में देने से आपके अच्छे कर्मों का फल कई गुना वापस होकर आता है। केला और नारियल को सबसे शुभ फल माना गया है। केला विष्णु भगवान का प्रिय है तो वहीं नारियल देवी मां को पसंद है। इसलिए इन दोनों को ही दान में देना चाहिए। वहीं कन्याओं को उपहार में दें।
मिष्ठान्न
प्रसाद स्वरूप कन्याओं को किसी एक तरह का मिष्ठान्न जरूर खिलाना चाहिए। आप कन्याओं के भोजन में सूजी का हलवा, आटे का हलवा माता रानी को भोग लगाने के बाद दे सकती हैं। इससे गुरु ग्रह मजबूत होता है।
श्रृंगार सामग्री
नवरात्रि में कन्या भोजन के बाद सारी कन्याओं को उपहार में श्रृंगार की सामग्री देनी चाहिए सबसे पहले श्रृंगार की सामग्री को देवी मां को चढ़ा देना चाहिए। उसके बाद उन श्रृंगार की सामग्री को कन्याओं में बांट देना चाहिए। माना जाता है कि कन्याओं की ग्रहण की गई श्रृंगार की सामग्री सीधे देवी मां स्वीकार कर लेती हैं।
चावल या जीरा
परंपरा के अनुसार घर से जब बेटियां विदा होती हैं तो उन्हें चावल उपहार में दिया जाता है। उसी तरह से कन्याओं को भोज कराने के बाद विदाई में चावल देना चाहिए। चावल के साथ जीरा भी देना चाहिए