गुणवत्ता आश्वासन महानिदेशालय (डीजीक्यूए) ने कल अपना 68वां स्थापना दिवस मनाया। यह दिवस रक्षा हथियारों, भंडारों और उपकरणों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने की दिशा में इसकी यात्रा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि का प्रतीक है। डीजीक्यूए भारतीय सेना के उपकरणों के लिए कड़े गुणवत्ता मानकों को स्थापित करने और उन्हें लागू करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता रहा है।
“व्यापार सुगमता” और रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता हासिल करने के लिए एक बड़े सुधार के रूप में, डीजीक्यूए का पुनर्गठन किया जा रहा है। इस पुनर्गठन का उद्देश्य गुणवत्ता आश्वासन संबंधी प्रक्रियाओं एवं परीक्षणों को तेज करना और निर्णय लेने के स्तरों को कम करना है। पुनर्गठित ढांचा सभी स्तरों पर सभी उपकरण/हथियार प्लेटफ़ॉर्म के लिए एकल बिंदु तकनीकी सहायता प्रदान करेगा और उत्पाद आधारित गुणवत्ता आश्वासन में एकरूपता भी सुनिश्चित करेगा। ये सुधार डीजीक्यूए को पारंपरिक निरीक्षण आधारित प्रणाली से रोकथाम आधारित गुणवत्ता आश्वासन और जोखिम कम करने की दिशा में ले जाने के लिए हैं। डीजीक्यूए ने उभरती चुनौतियों का सामना करने के लिए नवीन तकनीकों और गुणवत्ता आश्वासन कार्यप्रणालियों को लागू किया है।
रक्षा परीक्षण और मूल्यांकन को बढ़ावा देने के लिए एक अलग निदेशालय स्थापित किया गया है ताकि प्रूफ रेंज और परीक्षण सुविधाओं का पारदर्शी आवंटन हो सके। मानकीकृत गुणवत्ता आश्वासन संबंधी प्रक्रियाओं के स्वचालन और डिजिटलीकरण के साथ इस व्यवस्था से डीजीक्यूए के साथ रक्षा उद्योग की संलग्नता में काफी सुधार होने की संभावना है। घरेलू निजी उद्योगों को अब डीजीक्यूए के प्रूफ रेंज और लैब्स की परीक्षण सुविधाओं का उपयोग करने की सुविधा दी गई है, जिससे ‘व्यापार सुगमता’ को बढ़ावा मिलेगा।