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नितिन गडकरी ने महाराष्ट्र के नागपुर में ऑक्सीजन बर्ड पार्क का उद्घाटन किया

केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कल महाराष्ट्र के नागपुर में नागपुर-हैदराबाद राष्ट्रीय राजमार्ग -44 के किनारे ऑक्सीजन बर्ड पार्क (अमृत महोत्सव पार्क) का उद्घाटन किया। ऑक्सीजन बर्ड पार्क (अमृत महोत्सव पार्क) नागपुर-हैदराबाद राष्ट्रीय राजमार्ग -44 के किनारे जामठा के पास भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) द्वारा विकसित एक पर्यावरणीय-पहल है। सामाजिक वानिकी के लिए समर्पित 2.5 हेक्टेयर सहित कुल 8.23 ​​हेक्टेयर क्षेत्र को शामिल करते हुए, पार्क को प्राकृतिक पक्षी आवास तथा स्थानीय लोगों और पर्यटकों के लिए एक मनोरंजन स्थल के रूप डिज़ाइन किया गया है। यह परियोजना, जो पर्यावरणीय स्थिरता और मनोरंजन सुविधाओं को एकीकृत करती है, को 14.31 करोड़ रुपये की लागत के साथ मार्च 2023 में औपचारिक रूप से स्वीकृत किया गया था।

इस पार्क को बनाने का विचार केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी द्वारा आरओ नागपुर को दिये गये एक सुझाव से पैदा हुआ, जिसमें मध्य भारत के इस हिस्से में पाए जाने वाले विभिन्न प्रकार के पक्षियों के अवलोकन के साथ-साथ नागरिकों के मनोरंजन के लिए एनएचएआई भूमि पार्सल पर एक अमृत महोत्सव पार्क विकसित करने की बात थी। इसमें विज़न यह था कि विभिन्न प्रकार की पक्षी प्रजातियों के लिए एक सुरक्षित और प्राकृतिक आवास प्रदान करने वाला हरित स्थल स्थापित किया जाए। प्राकृतिक इको-सिस्टम की तरह डिज़ाइन किए गए वातावरण में स्थित इस पार्क का उद्देश्य स्थानीय और प्रवासी पक्षियों दोनों का संरक्षण करना है। इस पहल को जामठा अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम के पास क्लोवर लीफ चौराहे पर स्थित पार्क के साथ नागपुर शहर के चारों ओर चार-लेन स्टैंडअलोन रिंग रोड विकसित करने की व्यापक अवसंरचना परियोजना में एक अतिरिक्त कार्य के रूप में शामिल किया गया है।

दुर्लभ और लुप्तप्राय वृक्ष क्षेत्र: यह खंड मध्य भारत में पाये जाने वालेदुर्लभ और लुप्तप्राय वृक्ष प्रजातियों का प्रदर्शन और संरक्षण करेगा। प्रजातियों में वलनर्बल भारतीय बेल, गम करया और जंगल की लुप्तप्राय यलो फ्लैम शामिल हैं।

कमल/लिली पैड पॉन्ड: तालाब विभिन्न कमल और वाटर लिलीज़ का घर होगा, जो जल पक्षियों के लिए आवास प्रदान करेगा और भूमिगत जलभृतों को रिचार्ज करेगा। यह बढ़ी हुई आर्द्रता के साथ एक सूक्ष्म आवास भी बनाएगा। चूंकि जल निकाय गहरा है, इसलिए इसमें निवासी और प्रवासी बत्तख दोनों को आकर्षित करने की क्षमता है। आकर्षित होने वाले प्रवासी बत्तखें डाइविंग बत्तखें जैसे पोचर्ड्स और डैबलिंग दोनों तरह की बत्तखें हैं।

रीड बेड: तालाब के पीछे स्थित, यह रीड बेड, विशेषकर प्रवास के दौरान, पक्षियों जैसे वाटरहेन, मूरेंस और रीड वार्बलर के लिए एक आदर्श आवास प्रदान करेगा।

बम्बुसेटम: इस क्षेत्र में भारतीय बांस की प्रजातियां होंगी। बांस धूल और ध्वनि प्रदूषण को कम करने, वाहन उत्सर्जन को अवशोषित करने और अपने पत्ती कूड़े के जरिये मिट्टी की गुणवत्ता में सुधार करने में मदद करेगा।

वृक्षारोपण क्षेत्र: 6 हेक्टेयर पार्क से आगे बढ़ते हुए, इस क्षेत्र में देशी पेड़ की प्रजातियां और झाड़ियाँ शामिल होंगी। यह वन्यजीवों को आकर्षित करेगा, शोर और धूल को कम करेगा तथा प्राकृतिक वन स्थितियों की नकल करके वायु गुणवत्ता को बढ़ाएगा।

ताड़ का वृक्षारोपण: झील के पीछे, देशी भारतीय पॉम जैसे फीनिक्स डेट पॉम और टोडी पॉम लगाए जाएंगे। ये वृक्ष विभिन्न पक्षी प्रजातियों और छोटे स्तनधारियों के लिए घोंसला स्थल के रूप में पेश आयेंगे तथा हॉर्नबिल और वीवर पक्षियों जैसी प्रजातियों का मदद करेंगे।

पक्षियों को आकर्षित करना: पार्क की वनस्पतियों में विभिन्न प्रकार के पेड़, नरकट, जलीय पौधे और झाड़ियाँ शामिल हैं, जिन्हें विशेष रूप से स्थानीय वन्यजीवों का समर्थन करने और जैव विविधता को बढ़ाने के लिये चुना गया है। उल्लेखनीय प्रजातियों में नीम, भारतीय मूंगा वृक्ष, वाटर लिलीज, कमल, वाइल्ड जैस्मिन और करोंदा शामिल हैं।

यह पार्क एक टिकट काउंटर, फूड कोर्ट, आधुनिक शौचालय, आंतरिक मार्ग, एक जॉगिंग / साइकिलिंग ट्रैक, बढ़ी हुई प्लिंथ ऊंचाई के साथ एक एम्फीथिएटर, वॉच टॉवर और कास्ट-आयरन बेंच सहित कई सुविधाएं प्रदान करता है। लैंडस्केपिंग में विस्तारित लॉन, हरित पॉकेट्स और एक सिंचाई प्रणाली शामिल है। उपयोगिताएँ अच्छी तरह से एकीकृत हैं, जिनमें 200 केवीए ट्रांसफार्मर और अतिरिक्त कुएं शामिल हैं।

इस पार्क में सौर पैनलों के माध्यम से सौर ऊर्जा की भी व्यवस्था की गई है, जो प्रकाश व्यवस्था, पानी और अन्य सुविधाएं प्रदान करती है। यह दृष्टिकोण पारंपरिक ऊर्जा स्रोतों पर निर्भरता को कम करता है और पर्यावरणीय स्थिरता को बढ़ावा देता है।

पार्क की एक मुख्य चीज इसकी स्थिरता पर जोर देना है, जो इसकी “ऑक्सीजन पार्क” सुविधा द्वारा उजागर किया गया है। तेजी से बढ़ने वाले, ऑक्सीजन उत्पादक पेड़ों के रोपण का उद्देश्य वायु प्रदूषण का मुकाबला करना और एक स्वस्थ वातावरण को बढ़ावा देना है। नागपुर का सामाजिक वानिकी प्रभाग इन हरे भरे स्थालों को विकसित करने और उनको कायम रखने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

इस कार्यक्रम में श्याम कुमार बर्वे, सांसद, टेकचंद सावरकर, विधायक, आशीष जायसवाल, विधायक, विकास कुंभारे, सुधाकर कोहाले और अनुराग जैन, सचिव, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय तथा मंत्रालय और एनएचएआई के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।

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