मध्यप्रदेश के वरिष्ठतम आईएएस अधिकारी अनुराग जैन ने राज्य के 35 वें मुख्यसचिव के रूप में अपना पदभार ग्रहण कर लिया है। अपनी नवीन पदस्थापना के पूर्व वे पिछले चार वर्षों से केंद्र सरकार के अंतर्गत सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय में प्रतिनिधि सचिव के रूप अपनी सेवाएं दे रहे थे। मुख्यमंत्री डा मोहन यादव ने अनुराग जैन को मुख्य सचिव मनोनीत किए जाने में विशेष भूमिका निभाई। कुछ दिन पूर्व जब उन्होंने नई दिल्ली में अनुराग जैन से मुलाकात की थी तभी ये चर्चाएं शुरू हो गई थीं कि वे अनुराग जैन को मध्यप्रदेश के मुख्य सचिव के रूप में केंद्र से वापस भोपाल लाना चाहते हैं। यहां यह भी गौरतलब है कि मुख्य सचिव पद के लिए डा राजेश राजौरा और एस एन मिश्र के नाम भी चर्चा में थे परन्तु मुख्यमंत्री ने अनुराग जैन की वरीयता को ध्यान में रखते हुए उन्हें मुख्यसचिव की कुर्सी सौंपने का जो फैसला किया उसकी सर्वत्र सराहना हो रही है। 1989 बैच के आईएएस अधिकारी अनुराग जैन अगस्त 2025 तक मुख्य सचिव के रूप में अपनी सेवाएं देंगे। उनके पूर्व इस पद पर कार्यरत वीरा राणा का कार्यकाल 30 सितंबर को समाप्त हो गया। उन्हें सरकार ने दो बार 6-6 माह का एक्सटेंशन दिया था।वीरा राणा को पहले प्रभारी मुख्य सचिव नियुक्त किया गया था।बाद में उन्हें पूर्णकालिक मुख्य सचिव बना दिया गया।
राज्य के नये मुख्य सचिव का अकादमिक रिकॉर्ड शानदार रहा है। मूलतः ग्वालियर निवासी अनुराग जैन ने 1986 में आई आई टी खड़गपुर से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में बी टेक की उपाधि अर्जित करने के पश्चात् अमेरिका के मैक्सवेल इंस्टीट्यूट से लोक प्रशासन में एम ए किया। अनुराग जैन की उपलब्धियों के खाते में खेल कूद के क्षेत्र की अनेक प्रतिष्ठित पुरस्कार दर्ज हैं। वे राष्ट्रीय स्तर के टेनिस खिलाड़ी रह चुके हैं। टेबिल टेनिस की अनेक प्रतिष्ठित स्पर्धाओं में 11 मेडल जीत चुके हैं। यही नहीं क्रिकेट में उन्होंने ख्याति अर्जित की है और उन्हें अतीत में मध्यप्रदेश की क्रिकेट टीम का सदस्य होने का गौरव मिल चुका है। अनुराग जैन की विशिष्ट कार्य शैली, अद्भुत कार्यक्षमता ने उन्हें मध्यप्रदेश के हर मुख्यमंत्री का चहेता बना दिया था। भाजपा शासन काल में वे पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के विश्वास पात्र सचिव रहे तो कांग्रेस सरकार गठित होने पर तत्कालीन मुख्यमंत्री कमलनाथ ने वित्त प्रबंधन में उनकी दक्षता को देखते हुए उन्हें वित्त मंत्रालय में प्रमुख सचिव पद की जिम्मेदारी सौंपी थी। मध्यप्रदेश में पब्लिक सर्विस डिलीवरी एक्ट को लागू करने में भी अनुराग जैन की भूमिका को सदा याद रखा जाएगा। ऐसा भी आया कि वित्तीय मामलों के विशेषज्ञ के रूप में उनकी ख्याति मध्यप्रदेश की सीमाओं को पार कर देश की राजधानी नई दिल्ली तक जा पहुंची। अनुराग जैन जब प्रधानमंत्री कार्यालय में संयुक्त सचिव थे तब जन-धन योजना के क्रियान्वयन में उनकी अहम भूमिका थी। पीएम गति शक्ति मास्टर प्लान में भी अनुराग जैन ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। सूचना प्रौद्योगिकी में विशेष रुचि रखने वाले अनुराग जैन को प्रधानमंत्री द्वारा वेबरत्न पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है।
मुझे भली भांति याद है कि जब 1997 में अनुराग जैन की कलेक्टर के रूप में प्रथम नियुक्ति मंडला में हुई थी उन्हीं दिनों मैंने पत्रकारिता के क्षेत्र में पदार्पण किया था।उस दौरान एकाधिक बार उनसे व्यक्तिगत रूप से भेंट करने का सौभाग्य भी मिला। मैं उनकी अनुशासनप्रियता और समय की पाबंदी जैसे गुणों से बेहद प्रभावित हुआ। मंडला में उनके कार्यकाल में अनेक जनकल्याणकारी योजनाओं की शुरुआत हुई। एक आदिवासी जिले के रूप में मंडला के विकास हेतु अनुराग जैन के योगदान को मंडला के लोग आज भी याद करते हैं। इसमें कोई संदेह नहीं कि मंडला जिले अब तक जितने भी कलेक्टर पदस्थ हुए हैं उनमें अनुराग जैन ने संभवतः सर्वाधिक लोकप्रियता अर्जित की । मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल के अतिरिक्त मंदसौर जिले के कलेक्टर के रूप में अनुराग जैन की उपलब्धियां उल्लेखनीय रही हैं। मुझे यह कहने में कोई संकोच नहीं है कि अपनी पत्रकारिता के उस प्रारंभिक दौर में मुझे मंडला जिले में अनुराग जैन के सानिध्य में रहकर बहुत कुछ सीखने को मिला जिसने आगे चलकर मुझे हिन्दी पत्रकारिता के क्षेत्र में अपनी अलग पहचान बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
मंडला के कलेक्टर के रूप में अनुराग जैन ने उस पिछड़े और आदिवासी जिले के कायाकल्प के लिए जो रुचि प्रदर्शित की उसने अल्प काल में ही मंडला का स्वरूप ही बदल दिया। आदिवासी बहुल मंडला क्षेत्र में अनुराग जैन के सक्रिय प्रयासों के फलस्वरूप एक आडीटोरियम का निर्माण संभव हो सका। उनके कार्यकाल में ही खेल-कूद की गतिविधियां प्रारंभ हुईं । आज अगर मंडला के छात्र और युवा खेलकूद में ख्याति अर्जित कर रहे हैं तो उसका श्रेय अनुराग जैन को ही जाता है। एक समय था जब मंडला में डिहाइड्रेशन के कारण असमय ही हजारों लोग मौत के शिकार बन जाते थे। संवेदनशील अनुराग जैन को इस स्थिति ने द्रवित कर दिया। तब उन्होंने न क्षेत्रीय नागरिकों के लिए शुद्ध पेयजल का इंतजाम कराया बल्कि प्रभावित क्षेत्रों में स्वास्थ्य परीक्षण शिविर लगाने के संबंधित अधिकारियों को निर्देशित भी किया। अनुराग जैन का कार्य काल मंडला वासियों को भुलाए नहीं भूलता। आज जब मैं अनुराग जी के कर्मठ व्यक्तित्व पर केंद्रित अपने विचार कलमबद्ध कर रहा हूं तो वे अतीत की सारी यादें मेरे मानस पटल पर जीवंत हो उठीं हैं। वे सारी स्मृतियां निःसंदेह मेरे स्मृति कोष की अनमोल धरोहर हैं।
इसमें दो राय नहीं हो सकती कि मुख्यमंत्री मोहन यादव ने अनुराग जैन को मध्यप्रदेश सरकार के मुख्य सचिव की कुर्सी सौंपकर उनकी वरिष्ठता का जो सम्मान किया है उसके लिए वे साधुवाद के अधिकारी हैं। अनुराग जैन चूंकि केंद्र में अपनी प्रतिनियुक्ति के अत्यंत महत्वपूर्ण पदों का उत्तर दायित्व संभाल चुके हैं इसलिए केंद्र और राज्य के बीच समन्वय स्थापित करने में मुख्यमंत्री के दाहिने हाथ साबित होंगे।
नोट – लेखक राजनैतिक विश्लेषक है।