हरियाणा में 90 विधानसभा क्षेत्रों के लिए एकल चरण का मतदान राज्य में स्थापित 20,000 से अधिक मतदान केंद्रों पर मामूली झड़पों की कुछ छिटपुट घटनाओं को छोड़कर, काफी हद तक शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हुआ। मतदान सुबह 7.00 बजे शुरू हुआ और समाज के सभी वर्गों के मतदाता मतदान केंद्रों पर कतारों में दिखे। बुजुर्ग मतदाताओं की अच्छी-खासी आबादी होने की वजह से, 100 साल से अधिक उम्र के कई लोग उत्साह के साथ चुनावी उत्सव में भाग लेते नजर आए। कुल 1031 उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं, जिनमें 101 महिला उम्मीदवार शामिल हैं। शाम 7 बजे तक, मतदान केंद्रों पर 61.19% मतदान दर्ज किया गया। 2024 के लोकसभा चुनाव में, हरियाणा में मतदान केंद्रों पर 64.8% मतदान दर्ज किया गया था।
सीईसी राजीव कुमार ने ईसी ज्ञानेश कुमार और डॉ. सुखबीर सिंह संधू के साथ निर्वाचन सदन से मतदान प्रक्रिया पर कड़ी नजर रखी। आयोग के निर्देशों के मुताबिक, मतदान कार्य पर कड़ी और निरंतर निगरानी के लिए सभी मतदान केंद्रों पर वेबकास्टिंग की व्यवस्था की गई थी। जमीनी निगरानी और निरंतर फीडबैक के लिए आयोग की ओर से 97 केंद्रीय पर्यवेक्षक लगाए गए थे।
प्रलोभन मुक्त चुनाव के लिए चुनाव आयोग के लगातार प्रयासों के चलते, चुनाव की घोषणा के बाद से, हरियाणा में 75.72 करोड़ रुपये जब्त किए गए हैं, जबकि 2019 में यह आंकड़ा 19.03 करोड़ रुपए था, जो जब्ती में 4 गुनी बढ़ोतरी दर्शाता है। सभी जिलों और समूहों से जब्ती की गई है जिसमें 31.5 करोड़ रुपए नकद, 16.6 करोड़ रुपए की शराब और 11.13 करोड़ रुपए की ड्रग्स शामिल है। अंबाला (11.82 करोड़ रुपये), फरीदाबाद (10.07 करोड़ रुपये) और गुरुग्राम (9.94 करोड़ रुपये) जब्ती के मामले में टॉप 3 जिले रहे। कड़ी निगरानी के कारण 12 एसी को खर्च के प्रति संवेदनशील के रूप में पहचाना गया। निगरानी के लिए 391 प्रादेशिक निगरानी दल (एसएसटी) और 453 फ्लाइंग स्क्वाड दल (एफएसटी) को तैनात किया गया। राज्य की सीमाओं पर 133 चौकियों (नाके) और राज्य के अंदर 140 चौकियों के साथ भी सतर्कता बनाए रखी गई।
हरियाणा विधानसभा चुनाव में पहली बार, 85 वर्ष से अधिक उम्र वाले तथा दिव्यांग मतदाताओं के लिए घर से मतदान की सुविधा शुरू की गई। मतपत्र की पूर्ण गोपनीयता बरकरार रखने के साथ पारदर्शिता सुनिश्चित करने हेतु पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी की गई है। 2468 दिव्यांग मतदाताओं और 85 वर्ष से अधिक उम्र के 8907 मतदाताओं ने घर से मतदान की सुविधा का लाभ उठाया।
चुनावों में सहभागिता बढ़ाने और चुनावी प्रक्रिया को साफ-सुथरा बनाने में नागरिकों को शामिल करने के लिए, सीविजिल ऐप प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल करके, गुमनाम और सुरक्षित रूप से चुनावी कदाचार को अधिकारियों के समक्ष लाकर मतदाताओं को सशक्त बनाता है। हरियाणा में चुनावों की घोषणा के बाद से 29,000 से अधिक शिकायतें प्राप्त हुईं और शिकायत समाधान दर 99% रही। सबसे अधिक शिकायतें फरीदाबाद से आईं, इसके बाद सिरसा और रोहतक का स्थान रहा।
मतदान के अनुभव को सुखद और यादगार बनाने की ईसीआई की प्रतिबद्धता के रूप में, सभी मतदान केंद्रों पर पीने का पानी, बिजली, शौचालय, रैंप, फर्नीचर, पर्याप्त आश्रय, हेल्पडेस्क जैसी सुनिश्चित न्यूनतम सुविधाएं (एएमएफ) प्रदान की गईं। जरूरतमंदों को व्हीलचेयर और स्वयंसेवी सहायता प्रदान की गई। युवा मतदाताओं को प्रोत्साहित करने के लिए 114 मतदान केंद्रों का प्रबंधन युवाओं द्वारा किया गया। लैंगिक समावेशिता और पहुंच को बढ़ाने के लिए, 115 मतदान केंद्रों का प्रबंधन पूरी तरह से महिलाओं द्वारा किया गया था, जबकि 87 का प्रबंधन दिव्यांगों द्वारा किया गया था।
सुव्यवस्थित मतदाता शिक्षा एवं निर्वाचक सहभागिता कार्यक्रम (एसवीईईपी) की गतिविधियों की एक श्रृंखला ने मतदान दिवस से पहले लोकतांत्रिक उत्सवों का प्रचार किया। स्थानीय विषयवस्तु और चीजों का इस्तेमाल कई गतिविधियों जैसे नुक्कड़ नाटकों, स्थानीय प्रभावशाली लोगों और प्रतीकों, और स्वदेशी खेल गतिविधियों के साथ-साथ वृक्षारोपण अभियान, पेंटिंग और वाद-विवाद प्रतियोगिताओं में किया गया ताकि युवाओं में मतदान के प्रति देखे गए उत्साह को मतदान के दिन प्रतिभाग में अधिक से अधिक शामिल किया जा सके। जम्मू-कश्मीर और हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए मतगणना 8 अक्टूबर, 2024 को होनी है।