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क्या कारण है कि इतने बड़े ड्रग्स के कारोबार की सरकार और पुलिस को भनक नहीं लगती : विक्रांत भूरिया

झाबुआ विधायक एवं मप्र युवा कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष विक्रांत भूरिया ने प्रदेश सरकार की पूरी तरह से ध्वस्त कानून व्यवस्था पर बड़ा सवाल उठाते हुये कहा है कि आखिर क्या कारण है कि प्रदेश में लगातार ड्रग्स जैसे मादक पदार्थों के अवैध कारोबार लगातार उजागर हो रहे हैं। भोपाल में 1800 करोड़ की ड्रग्स पकड़े जाने का मामला अभी ठंडा नहीं नहीं हुआ कि आज फिर झाबुआ के मेघनगर में 170 करोड़ का ड्रग्स का बड़ा करोबार गुजरात की पुलिस द्वारा पकड़ा गया है।

भूरिया ने कहा कि अभी प्रदेश की राजधानी भोपाल में हाल ही में ड्रग्स का बड़ा जखीरा पकड़ा गया और अब झाबुआ के मेघनगर में 170 करोड़ की ड्रग्स पकड़ा जाना, आखिर इस प्रदेश को किस ओर मोड़ना चाहती है सरकार। एक बार फिर मध्यप्रदेश भोपाल के बाद झाबुआ ड्रग्स कांड पर सियासत गरमा गई है। सरकार न तो इस तरह की गतिविधियों को रोकने में कोई दिलचस्पी ले रही है और न ही उन्हें इस तरह के मादक पदार्थों का कारोबार करने वाले कारोबारियों की भनक लग पा रही है, जिससे प्रदेश बर्बादी की कगार पर पहुंचता जा रहा है।

विधायक भूरिया ने प्रदेश सरकार की दोहरी नीतियों पर सवाल उठाते हुये कहा कि आखिर क्या कारण है कि जिन जहरीली फैक्ट्रियों को लगाने के लिए गुजरात में परमिशन नहीं मिलती उन्हें, मध्यप्रदेश में परमिशन कैसे और किस आधार पर मिल जाता है। प्रदेष सरकार बताये कि ड्रग्स की फैक्ट्री लगाने के लिए झाबुआ के मेघनगर में कैसे किसके आदेश पर अनुमति मिली, सार्वजनिक होना चाहिए।

भूरिया ने कहा कि मध्यप्रदेश की सरकार और पुलिस दोनों सो रही है। भोपाल में 1800 करोड़ रूपये की ड्रग्स और आज फिर झबुआ में 170 करोड़ की ड्रग्स पकड़ाई गई क्या इसमें सरकार की मिलीभगत तो नहीं है? उन्होंने कहा कि जहां एक ओर झाबुआ का आदिवासी युवा पहले से ही शराब की लत से परेषान था और अब ड्रग्स से युवा पीढ़ियां बर्बादी की कगार पर पहुंच रही है। उन्होंने कहा कि झाबुआ के मेघनगर में आज भी लाल पानी की समस्या बनी हुई है, लोगों के घरों में पीने का पानी उपलब्ध नहीं है, जिस पर पूरी सरकार मौन बैठी हुई है।

भूरिया ने कहा कि बड़ा दुर्भाग्यजनक है कि अन्य राज्यों की एजेंसियां, पुलिस विभाग मध्यप्रदेश में आकर इस तरह के ड्रग्स, मादक पदार्थों के कारोबार को पकड़ने के लिए कार्यवाही कर रही है, लेकिन क्या कारण है कि मप्र की पुलिस को ही इस तरह के कारोबार की भनक तक नहीं लगती? मप्र सरकार की लापरवाही या मिलीभगत का नतीजा है कि इस तरह कारोबार मप्र में फल-फूल रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार अपने इंवेंटों, विज्ञापनों, प्रचार-प्रसार इस गोरखधंधों को छोड़ प्रदेश के विकास के बारे में सोचे, इससे पहले की सरकार पैसों की लत के चक्कर में युवाओं का भविष्य बर्बाद कर दे, सरकार को जाग जाना चाहिए।

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