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हाई रिस्क प्रेगनेंसी का पूर्व चिन्हांकन कर उचित चिकित्सकीय संस्थान भेजें : उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल

उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने निर्देश दिये हैं कि हाई रिस्क प्रैग्नेसी का पूर्व चिन्हांकन करें, इससे उचित चिकित्सकीय संस्थान एक बार में भेजा जाकर सुरक्षित प्रसव सुनिश्चित हों और रेफरल लोड भी कम होगा। रिस्पांस टाइम को कम करने, संसाधनों के उचित प्रबंधन और ट्रांसपैरेंसी के लिए आधुनिक तकनीकी का उपयोग करें जिससे एम्बुलेंस सेवा का उचित उपयोग सुनिश्चित किया जा सके। चिकित्सकीय जांच सेवाएं सुविधाजनक रूप से नागरिकों को उपलब्ध हों इसके लिये वेट लीज मॉडल और हब एंड स्पोक मॉडल पर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में सुविधाएँ उपलब्ध कराने के प्रयास किये गये हैं। सेवाओं की गुणवत्ता और समयबद्ध उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए सशक्त मॉनीटरिंग करें। उप मुख्यमंत्री शुक्ल ने मंत्रालय वल्लभ भवन में एम्बुलेंस सेवा, जननी एक्सप्रेस सेवा और डायग्नोस्टिक सेवा प्रदाय की व्यवस्था की समीक्षा की।

मिशन संचालक एनएचएम प्रियंका दास ने बताया कि प्रदेश में 1059 जननी एक्सप्रेस, 1002 संजीवनी ज़िनमें से 167 एडवांस लाइफ सपोर्ट और 835 बेसिक लाइफ सपोर्ट एम्बुलेंस सेवा है। विगत 6 माह में जननी और संजीवनी एम्बुलेंस सेवा द्वारा 16 लाख 20 हज़ार 582 मरीजों/गर्भवती महिलाओं को एम्बुलेंस सेवा उपलब्ध कराई गयी है। अप्रैल-24 से सितंबर-24 की अवधि में संजीवनी एक्सप्रेस का लाभ 6 लाख 95 हज़ार 223 मरीजों ने लिया है। वहीं जननी एक्सप्रेस सेवा से 9 लाख 25 हज़ार 359 गर्भवती महिलायें/ माताएँ लाभान्वित हुई हैं।

वेट लीज मॉडल से जून-2020 से अब तक 1 करोड़ 15 लाख से अधिक नागरिकों की 4 करोड़ 53 लाख 19 हज़ार 488 जाँच की गयी हैं। प्रतिदिन लगभग 28 हज़ार जाँचें की जाती हैं। इस मॉडल के तहत प्रदेश में 85 जाँच सेवा केंद्र क्रियाशील हैं। जिनमें 134 प्रकार की जाँच की जाती है। संचालक एनएचएम के.के. रावत सहित विभागीय वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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