केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के तीन दिवसीय जम्मू-कश्मीर दौरे का बुधवार को आखिरी दिन है। अमित शाह ने बारामूला में रैली को संबोधित किया। शाह ने कहा, आतंकवाद से किसी का भला नहीं हुआ, जम्मू कश्मीर के 42 हजार लोग आतंकवाद की भेंट चढ़ गए, इनकी मौत के यह तीन परिवार जिम्मेदार हैं। गांव तक जम्हूरियत पहुंचाने का काम किया है। पहले जम्मू कश्मीर में जम्हूरियत की व्याख्या थी तीन परिवार, 87 विधायक। कश्मीर की इस खूबसूरत वादी मे हजारों लोग विकास की गाथा सुनने के लिए, नरेंद्र मोदी का साथ देने के लिए यहां जमा हुए हैं। अमित शाह ने कहा कि कुछ लोग मुझे पाकिस्तान से बात करने की सलाह देते हैं। मैं पाकिस्तान से बात नहीं करूंगा, मैं बारामूला के लोगों से बात करूंगा, मैं जनसभा में बात करूंगा।
शाह ने महबूबा को जवाब देते हुए कहा कि वह कहती थी कि क्या दिया हिसाब देकर जाना। मोदी जी ने जम्हूरियत को 30 हजार लोगों तक पहुंचाने का काम किया है। अभी तक लोकतंत्र का अर्थ तीन परिवार तक सीमित थे। इन तीन परिवारों ने भ्रष्टाचार रोकने के लिए कुछ नहीं किया। गरीबों का पैसा भ्रष्टज्ञचार की भेंट चढ़ना चाहिए क्या। अब मैं पूछ रहा हूं 70 साल तक इन परिवारों ने शासन किया, कितने युवाओं को रोजगार मिला, कितना निवेश आया। आज मैं हिसाब पूछना चाहता। कश्मीर की इस खूबसूरत वादी मे हजारों लोग विकास की गाथा सुनने के लिए, नरेंद्र मोदी का साथ देने के लिए यहां जमा हुए हैं। पहले यह टेररिस्ट हाटस्पाट था अब टूरिस्ट हाटस्पाट है। पहले छह लाख सैलानी कश्मीर आते थे इस वष्र 22 लाख सैलानी आ चुके हैं।
भारी सुरक्षा बंदोबस्त के बीच हो रही इस रैली में भारी संख्या में मुस्लिम महिलाएं भी पहुंची हैं। वहीं यह पहला मौका है जब केंद्रीय गृह मंत्री जम्मू-कश्मीर में दशहरा मनाएंगे। इससे पहले बुधवार सुबह अमित शाह और उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने श्रीनगर में वरिष्ठ अधिकारियों के साथ सुरक्षा समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। अमित शाह के इस दौरे को बहुत अहम माना जा रहा है। आर्टिकल 370 हटने के बाद यह पहला मौका है जब अमित शाह जम्मू-कश्मीर पहुंचे हैं।