प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने विजयपुर और बुधनी के उपचुनाव के मतदान दिवस पर श्योपुर में बैठकर पैनी नजर रखी। विजयपुर में भाजपा नेताओं द्वारा लोकतंत्र की खुलेआम हत्या की जा रही है उस पर सवाल उठाते हुये कहा कि चुनावों में इस तरह की अराजकता का माहौल इससे पहले कभी देखने में मिला आया है कि सत्तापक्ष भाजपा के लोगों द्वारा सीधे साधे आदिवासियों सहित अन्य वर्ग के लोगों को मतदान करने से रोका गया हो, जिसमें शासन और प्रषासन गुलाम बनकर भाजपा के इषारे पर काम कर रहा हो। उपचुनाव में जिस तरह से लोकतंत्र और संवैधानिक परंपराओं की अवमानना कर भाजपा और भाजपा सरकार के चेहरे पर कालिख पुती है, उसका निषान कभी मिटने वाला नहीं है। जिस तरह बुधनी और विजयपुर में लोकतंत्र का मखौल उड़ाया गया है, मतदान करने के लिए मतदाताओं को रोका गया, उन्हें भगाया गया, उनके साथ मारपीट की गई, गोलियां चलाकर घायल किया गया। खुलेआम गुंडागर्दी से भरा हुआ क्या यही हैं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नये भारत का लोकतंत्र?
पटवारी ने कहा कि आज हुये विजयपुर और बुधनी के उपचुनाव में लोकतंत्र की हत्या की घटनाएँ रुकने का नाम नहीं ले रही हैं, विजयपुर में पूरी विधानसभा में भाजपा प्रत्याशी रामनिवास रावत के गुंडे हर जगह हथियारों के साथ मतदाताओं को वोट डालने से रोकते रहे। पीठासीन अधिकारी को सरेआम पीटा गया। विजयपुर के वीरपुर ब्लॉक में आदिवासियों को वोट डालने से रोका गया, जिसके विरोध में आदिवासियों ने थाने को घेर लिया और कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक तक इन गंभीर घटनाओं पर चुप्पी साधे रहे क्या यही नरेन्द्र मोदी के नये भारत का लोकतंत्र है?
पटवारी ने कहा कि कांग्रेस द्वारा लगातार चुनाव आयोग से आग्रह किया गया कि विजयपुर में हो रहे उपचुनाव में हस्तक्षेप करें और भयमुक्त, निष्पक्ष और लोकतांत्रिक तरीके से चुनाव संपन्न कराएं, लेकिन गुंडागर्दी से भरे हुये नरेंद्र मोदी के नए भारत के लोकतंत्र में चुनाव के नाम पर खुलेआम गुंडागर्दी और लोकतंत्र की हत्या होती रही और प्रषासन और भाजपा सरकार सोती रही। शर्मनाक है कि पिछले पांच दिनों से भाजपा नेताओं द्वारा सरेआम गुंडागर्दी कराकर लोगों को डराने-धमकाने के लिए राजस्थान से डकैतों को बुलाकर उनका सहारा लेना पड़ा और कांग्रेस द्वारा प्रामाणिक सबूत देने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की गई। पूरे उपचुनाव में जिला स्तर के तमाम अधिकारियों ने सरकार के खरीदे हुए नौकरों की तरह काम किया है।
पटवारी ने कहा कि मध्य प्रदेश में लोकतंत्र आज अपनी आखिरी सांसें ले रहा है। विजयपुर विधानसभा उपचुनाव में रामनिवास रावत के गुंडों द्वारा हमारी बहन-बेटियों को गाली-गलौज कर डराया गया, उन्हें वोट देने से रोका गया। शासन, प्रशासन और बीजेपी का सिंडिकेट सारी मर्यादाओं को तोड़ते हुए विजयपुर में लोकतंत्र का मजाक बना रहा। उन्होंने कहा कि पहले मतदाताओं पर गोली चलाई गई, निष्पक्ष चुनाव में बाधा डाल रही भाजपा की हठधर्मिता के खिलाफ शांतिपूर्वक धरना दे रहे श्योपुर के कांग्रेस नेताओं को गिरफ्तार कर लिया गया, कांग्रेस नेताओं को जेल में डाला गया, बहनों को वोट देने से रोका गया, विजयपुर का प्रशासन पूरी तरह भाजपा के आगे नतमस्तक हो गया है और लगातार लोकतंत्र का चीरहरण किया जा रहा है।
पटवारी ने कहा कि विजयपुर में मतदाताओं को वोट नहीं डालने दिया गया उनके साथ मारपीट की गई। पोलिंग बूथ पर भाजपा के एजेंट के रूप में जो लोग बैठे थे उन्होंने चेहरे देख-देख कर वोट डलवाये। बाकी लोगों को मारपीट करके पोलिंग बूथ से भगाया गया। यह देष के सबसे बड़े लोकतंत्र की हत्या है यदि ऐसा ही चलता रहा तो और लोग मूक दर्शक बने रहे तो लोकतंत्र में जो सबसे बड़ा अधिकार उनके हाथ में है वह सदैव के लिए उनके हाथ से चला जाएगा।
पटवारी ने चुनाव आयोग से बार-बार आग्रह किया कि इन स्थितियों को संज्ञान में लें और मतदाताओं को उनके संवैधानिक अधिकार का प्रयोग करने का अवसर दें। बार-बार ध्यान दिलाए जाने के बावजूद सरकारी अराजकता और प्रशासनिक निरंकुशता जारी रही। उन्होंने कहा कि भाजपा एक बार फिर भूल रही है कि लोकतंत्र का अंतिम आसरा जनता की अदालत है और जनता सब देख रही है, समझ रही है। भाजपा को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा। पटवारी ने पुलिस और प्रशासन के नुमाइंदों से भी कहा कि आपकी जवाबदेही देश की संवैधानिक परंपराओं के प्रति होनी चाहिए। इसलिए, ईमानदारी से अपनी जिम्मेदारी निभायें और लोकतंत्र को बचाने के लिए अपना धर्म निभायें।