पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) कृष्णा गौर ने कहा कि गुरु नानक देव जी संत परंपरा के एक ऐसे विचारक थे, जिन्होंने जात-पात और ऊंच-नीच में उलझे हुए समाज को एक नई दिशा देने का काम किया था। वे सनातन धर्म के सच्चे संस्थापक थे। राज्यमंत्री कृष्णा गौर आज सोनागिरी कॉलोनी में गुरु नानक देव के प्रकाश पर्व पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रही थी। इस दौरान उन्होंने शिव मंदिर सोनागिरी ए सेक्टर में 9 लाख 50 हजार की लागत से बनने वाले शेड निर्माण का भूमिपूजन भी किया।
राज्यमंत्री कृष्णा गौर ने कहा कि सिख धर्म के प्रथम गुरु और संस्थापक गुरु नानक देव के 555वें प्रकाश पर्व के शुभ अवसर पर सिंधु सोशल सर्कल, भेल द्वारा हर वर्ष की तरह, इस वर्ष भी, श्रद्धा, आस्था, और उल्लास के साथ कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। उन्होंने सभी को प्रकाश पर्व की बधाई और शुभकामनाएं दी। कृष्णा गौर ने कहा कि 555 वर्ष पूर्व देश में मुगलों का शासन था, हम विचार करें, कितना कठिन समय रहा होगा, कितना मुश्किल भरा समय था, मुगलों के अत्याचारों और मुगलों की प्रताड़ना झेलते हुए कोई संत सनातन धर्म की बात कैसे कर सकता था, लेकिन मुश्किल परिस्थितियों में भी गुरु नानक देव ने सनातन धर्म की ध्वजा को हाथ में लेकर संपूर्ण समाज में सनातन धर्म की अलख जगाई। गुरु नानक देव के संदेश आज के समय में भी प्रासंगिक है।
इस अवसर पर गिरीश शर्मा, पार्षद छाया ठाकुर, प्रदीप लोधी, ममता मनोज विश्वकर्मा, मधु शिवनानी, मनोज विश्वकर्मा, संजय शिवनानी, डी डी मेघानी आदि मौजूद रहे।