ड्रैगन पैलेस मंदिर ने 15 नवंबर, 2024 को नागपुर के कैम्पटी में आयोजित एक भव्य कार्यक्रम में अपनी 25वीं वर्षगांठ मनाई। इस कार्यक्रम में जापान की ओगावा सोसाइटी, जिसने कैम्पटी में सुंदर मठ परिसर के निर्माण में योगदान दिया है, का प्रतिनिधित्व जापान के लगभग 50 भिक्षुओं ने किया। इस आयोजन की शुरुआत 15 नवंबर की सुबह जापानी भिक्षुओं के एक समूह द्वारा उत्सव मार्च के साथ हुई, जिन्होंने कुछ दूर से शंख और ड्रम बजाते हुए जापानी भाषा में मंत्रोच्चार के साथ मठ में प्रवेश किया। मुख्य मठ में विशेष प्रार्थना का नेतृत्व भंते निचियु (कानसेन) मोचिदा और जापान के आदरणीय भिक्षुओं ने किया।
महाउपासिका मदाम नोरिको ओगावा की बेटी ताकाको तनाका ने भी इस कार्यक्रम में भाग लिया। मैडम नोरिटो ओगावा ने इस कार्यक्रम की मेजबान और ड्रैगन पैलेस मंदिर परिसर की मालकिन सुलेखाताई कुंभारे की ड्रैगन पैलेस मंदिर परिसर की स्थापना में सहायता प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। अंतरराष्ट्रीय बौद्ध परिसंघ (आईबीसी) ने इस कार्यक्रम के आयोजन में ड्रैगन पैलेस मंदिर के साथ सह-भागीदारी की। आईबीसी की ओर से इस कार्यक्रम में कई अंतरराष्ट्रीय भिक्षुओं और भारत के विभिन्न हिस्सों से आए लोगों ने भाग लिया। इस कार्यक्रम में कैम्पटी और नागपुर के अन्य हिस्सों से लगभग 5000 लोग शामिल हुए।
केन्द्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत तथा केन्द्रीय संसदीय कार्य एवं अल्पसंख्यक कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने इस कार्यक्रम में भाग लिया और इस अवसर पर सभा को संबोधित किया। गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि ड्रैगन पैलेस मंदिर बुद्ध धम्म के सार एवं प्रासंगिकता के प्रति इस क्षेत्र के लोगों और हमारे जापानी मित्रों की प्रतिबद्धता तथा समर्पण का प्रतीक है। शेखावत ने आशा व्यक्त की कि यह बंधन भारत तथा जापान के बौद्ध धर्म से संबंधित क्षेत्रों के बीच भावी सहयोग का आधार बनेगा। उन्होंने इन आदान-प्रदान को प्रोत्साहित करने के सुलेखाताई के प्रयासों की सराहना की। संस्कृति मंत्री के रूप में उन्होंने ड्रैगन पैलेस मंदिर सहित महाराष्ट्र में विभिन्न बौद्ध स्थलों को विकसित करने के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को भी साझा किया, जो ऐसे बड़े राष्ट्रीय सर्किट का हिस्सा बनेंगे जिनकी परिकल्पना की जा रही है।
केन्द्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि महाराष्ट्र में बुद्ध के संदेश को फैलाने में बाबा साहब अम्बेडकर की भूमिका जबरदस्त रही है। सामाजिक-राजनीतिक इतिहास की उनकी गहरी समझ ने उन्हें वह शुरुआत करने में सक्षम बनाया, जिसे भारत में दूसरा प्रमुख धम्म आयोजन भी माना जाता है। किरेन रिजिजू ने यह भी कहा कि समाज और सामान्य तौर पर मानव जाति के प्रति बाबासाहेब अम्बेडकर का योगदान बहुत बड़ा है और यह इस तथ्य के कारण है कि उनके कुछ विचार न केवल स्थायी बने हुए हैं बल्कि समय बीतने के साथ उन्होंने नया महत्व हासिल कर लिया है। धर्म को एक नया सैद्धांतिक ढांचा प्रदान करने की आवश्यकता से संबंधित उनका संदेश, जो “स्वतंत्रता, समानता और भाईचारे, संक्षेप में, लोकतंत्र के अनुरूप है” केवल एक उदाहरण है। इसके कारण, “जीवन की प्राथमिकताओं में संपूर्ण परिवर्तन” हुआ।
ड्रैगन पैलेस मंदिर में मंत्रोच्चार समारोह 16 एवं 17 नवंबर को भी चला और इस दौरान कई सांस्कृतिक कार्यक्रम भी हुए।