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कांग्रेस ने 90 बार संविधान का दुरुपयोग कर लोकतंत्र की हत्या की : अजय जामवाल

भारतीय जनता पार्टी के क्षेत्रीय संगठन महामंत्री अजय जामवाल ने मंगलवार को भाजपा प्रदेश कार्यालय में संविधान दिवस पर आयोजित संगोष्ठी को संबोधित किया। उन्होंने संविधान दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि पूर्ववर्ती सरकारों ने संविधान में जो गलतियां की थीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी धीरे-धीरे उन्हें सुधार रहे हैं और संविधान को देश के अनुकूल बनाने का प्रयास कर रहे हैं। कांग्रेस ने हमेशा संविधान को किताब माना परंतु भाजपा ने ग्रंथ मानकर सम्मान किया है। कांग्रेस ने 90 बार संविधान का दुरुपयोग कर लोकतंत्र की हत्या की है। धारा-370 और 35 ए इस देश के अनुकूल नहीं थी, प्रधानमंत्री मोदी ने संवैधानिक तरीके से उन्हें हटा दिया। महिला सशक्तीकरण की सिर्फ बातें होती थीं, लेकिन मोदी जी ने नारीशक्ति वंदन अधिनियम में 33 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान करके उसे साकार कर दिया। हमारा देश संविधान के मार्गदर्शन में निरंतर आगे बढ़ रहा है। प्रधानमंत्री मोदी का संकल्प है कि 2047 में जब हमारी आजादी को 100 साल पूरे होंगे, तब तक भारत एक विकसित देश बने। आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक रूप से दुनिया का नंबर-1 देश बने। लेकिन इसके लिए जरूरी है कि देश में हर जगह हमारा नेतृत्व हो। आज संविधान दिवस पर पार्टी कार्यकर्ता इसके लिए काम करने का संकल्प लें और संवैधानिक अधिकार ही नहीं कर्त्तव्यों को भी आत्मसात करें। देश तेजी से आगे बढ़े, इसके लिए एकजुटता जरूरी है। इसलिए पार्टी कार्यकर्ता संविधान की मूल भावना को समझें और उसे समाज के प्रत्येक वर्ग तक प्रसारित करें।

संगोष्ठी को भाजपा के वरिष्ठ नेता व विधायक रामेश्वर शर्मा एवं पार्टी के प्रदेश मंत्री रजनीश अग्रवाल ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम का संचालन प्रदेश महामंत्री एवं विधायक भगवानदास सबनानी ने एवं आभार प्रदर्शन प्रदेश मीडिया प्रभारी आशीष उषा अग्रवाल ने किया। इस दौरान मंच पर पूर्व प्रदेश संगठन महामंत्री माखन सिंह चौहान, प्रदेश उपाध्यक्ष कांतदेव सिंह एवं सीमा सिंह जादौन उपस्थित रहीं।

क्षेत्रीय संगठन महामंत्री अजय जामवाल ने संगोष्ठी को संबोधित करते हुए कहा कि सामान्यतः हम यही जानते हैं कि देश में संविधान 26 जनवरी 1950 को लागू हुआ, लेकिन सिर्फ यही पर्याप्त नहीं है। संविधान दिवस कार्यक्रम के आयोजन को लेकर प्रधानमंत्री मोदी की सोच यह है कि प्रत्येक कार्यकर्ता, देश का हर व्यक्ति संविधान का अध्ययन करे, उसे जाने और इसकी भावना को समझे। जामवाल ने कहा कि संविधान के निर्माण की सोच 1946 में आई। इसके लिए 6 दिसंबर, 1946 को देश के प्रबुद्ध लोगों की एक समिति बनाई गई और संविधान निर्माण के प्रयास शुरू हुए। 26 नवंबर 1949 को संविधान तैयार हुआ और इसके प्रस्ताव को स्वीकार किया गया। इसके बाद 26 जनवरी 1950 को इसे लागू किया गया। इसके दशकों बाद 26 नवंबर 2015 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संविधान दिवस मनाने की शुरुआत की। जामवाल ने कहा कि संविधान समिति के अध्यक्ष डॉ. राजेंद्र प्रसाद और प्रारूप समिति के अध्यक्ष डॉ. भीमराव अंबेडकर थे। उन्होंने दुनिया के अच्छे संविधानों का अध्ययन किया, विभिन्न ग्रंथों, समाजों, संस्कृतियों, धर्म और पंथों का अध्ययन किया और यह समन्वय बनाने का प्रयास किया कि सभी अच्छी-अच्छी बातें संविधान में आ जाएं। संविधान के बारे में डॉ भीमराव अंबेडकर जी ने कहा था कि यह सिर्फ कानून की किताब नहीं है और न ही सिर्फ वकीलों के मार्गदर्शन के लिए है। यह समाज के विकास तथा मानवता को न्याय और सम्मान दिलाने के लिए है। इसलिए जिस तरह से हम अपने धर्मग्रंथों का सम्मान करते हैं, देश को संविधान को भी वैसा ही सद ग्रंथ मानते हुए उसका अध्ययन करें, अपने अधिकारों और कर्त्तव्यों को जानें।

जामवाल ने कहा कि हमारा संविधान जब बनकर तैयार हुआ, तो उसमें हमारी सभ्यता, संस्कृति और मानवीय मूल्यों के बारे में विवरण शामिल नहीं था। समिति के अध्यक्ष डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने कहा कि इन बातों का संविधान में शामिल होना आवश्यक है। इसके बाद इन बातों को कलाकृतियों के रूप में संविधान में शामिल किया गया। उन्होंने कहा कि संविधान के 22 खंड हैं और प्रत्येक खंड के प्रथम पेज पर एक-एक चित्र बना हुआ है। कहीं पर श्रीराम, कहीं हनुमान जी तो कहीं पर सिंधु घाटी सभ्यता के चित्र हैं। ये सभी चित्र हमारी सभ्यता, संस्कृति और मानवीय मूल्यों को भलीभांति प्रदर्शित करते हैं।

क्षेत्रीय संगठन महामंत्री अजय जामवाल ने कहा कि देश के संविधान में अब तक 106 बार संशोधन हुए हैं, लेकिन इनमें से अधिकांश कांग्रेस की सरकारों ने किए हैं। 90 बार कांग्रेस की सरकारों ने धारा 356 का दुरुपयोग कर चुनी हुई सरकारों को गिराया और लोकतंत्र की हत्या की। कांग्रेस की सरकारें संविधान की आत्मा से ये खिलवाड़ इसलिए कर सकीं, क्योंकि समाज में संविधान के प्रति जितनी जागरूकता होनी चाहिए, वो नहीं थी। इसके चलते कांग्रेस की इन कारगुजारियों के विरोध में जो आंदोलन खड़ा होना चाहिए था, वह नहीं हो सका। अंग्रेजों के रास्ते पर चलते हुए कांग्रेस पार्टी आज भी जातिगत जनगणना की बात कर रही है, क्योंकि वह समाज को जाति, मत और पंथ के नाम पर तोड़कर राज करना चाहती है। लेकिन कांग्रेस के लोगों को यह ध्यान रखना चाहिए कि देश अब बदल चुका है। देश के लोग बदल चुके हैं। अब इस देश के लोग ’सर्वे भवन्तु सुखिनाः, सर्वे सन्तु निरामयः’ के मंत्र को जपते हुए सभी के सुखी और संपन्न होने की कामना करते हैं। आज का देश ’वसुधैव कुटुम्बकम’ की बात करता है और सारी दुनिया को एक परिवार मानता है। इसलिए आज दुनिया के 162 देशों ने योग को अपनाया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जहां भी जाते हैं, भारतीय संस्कृति के विचार को रखते हैं। चाहे वो विश्व के स्वास्थ्य की बात हो, या पर्यावरण की रक्षा की बात हो, सारी दुनिया मोदी जी की बातों को ध्यान से सुनती है। जामवाल ने कहा कि आज देश जिस तेजी के साथ आगे बढ़ रहा है, भविष्य में भी इसी तरह आगे बढ़ता रहे इसके लिए जरूरी है कि हम संविधान का सम्मान करें, उसके प्रति समाज में जागरूकता पैदा करें।

भाजपा के वरिष्ठ नेता व विधायक रामेश्वर शर्मा ने कहा कि बाबा साहब भीमराव अंबेडकर की जयंती और परिनिर्वाण दिवस पर उनकी प्रतिमा पर कई ऐसे लोग भी पुष्पांजलि करते हैं और यह जताते हैं कि वे बाबा साहब को सबसे ज्यादा सम्मान देते हैं। लेकिन उन्हें इस बात का ख्याल होना चाहिए कि उनके ही पूर्वजों ने बाबा साहब का अपमान करने के साथ चुनाव हराने का कार्य किया है। भारत के संविधान के प्रति सच्ची हितेषी अगर कोई राजनीतिक दल है तो वह भारतीय जनता पार्टी है। कांग्रेस पार्टी ने कभी संविधान दिवस को लेकर नहीं सोचा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 26 नवंबर को संविधान दिवस मनाने का निर्णय लिया।

भाजपा प्रदेश मंत्री रजनीश अग्रवाल ने कहा कि कांग्रेस ने संविधान को लेकर इस राष्ट्र के प्रति महापाप करने का काम किया है। संविधान के आधारभूत ढांचे को बदलने का काम कांग्रेस की सरकार ने किया है। संविधान के आधारभूत ढाचे में सेकुलर शब्द नहीं था, प्रस्तावना में सोशलिज्म शब्द नहीं था, समाजवाद नहीं था, लेकिन कांग्रेस ने संविधान के आधारभूत ढांचे में बदलाव कर देश की आत्मा से खिलवाड़ करने का काम किया। कांग्रेस पाटी ने देश में आपातकाल लगाकर और बार-बार चुनी हुई सरकारों को भी भंग करके लोकतंत्र की हत्या की है।

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