प्रदेश की कानून-व्यवस्था में कसावट लाने के लिए सरकार पुलिस महकमे में बड़ा बदलाव करने जा रही है। अगले कुछ दिनों से भीतर थानों से लेकर पुलिस मुख्यालय तक बदलाव का क्रम शुरू हो जाएगा। एक ही जगह या एक ही जिले में सालों से जमे पुलिस अधिकारियों के सबसे पहले दूसरी जगह भेजा जाएगा। कुछ जिलों के पुलिस अधीक्षक बदले जाएंगे तो पुलिस मुख्यालय में भी वरिष्ठ अधिकारियों के एक तबादले होंगे। इस संबंध में शीर्ष स्तर पर एक बैठक भी हो चुकी है।
मंत्रालय सूत्रों के अनुसार पुलिस अधिकारियों के तबादलों की फाइल पर नए पुलिस महानिदेशक की वजह से निर्णय नहीं हुआ है। हालांकि विदेश से लौटने के बाद पुलिस महानिदेशक कैलाश मकवाना की मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव से मुलाकात हो चुकी है। अगले कुछ दिनों में फिर बैठक होना है। जिसमें अफसरों की पदस्थापना को लेकर चर्चा हो सकती है। इससे पहले पुलिस महानिदेशक मुख्यालय में वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठकें करेंगे। साथ ही मुख्यालय की हर विंग की समीक्षा भी कर सकते हैं।
इस आधार पर होंगे तबादले
एक ही थाने या जिले में सालों से जमे अधिकारियों का अब हटना तय हो गया है। पुलिस कमिश्नर प्रणाली वाले शहर भोपाल, इंदौर में भी काम की परफॉर्मेंसस के आधार पर अधिकारियों को हटाया जाएगा और दूसरे अधिकारी पदस्थ होंगे। भ्रष्टाचार एवं अन्य गंभीर शिकायत के आरोपी ऐसे अधिकारी जो मैदानी पदस्थापना में है, उन्हें भी हटाया जाएगा। खास बात यह है कि जनप्रतिनिधियों द्वारा तबादलों को लेकर जो सिफारिशें की गईं हैं, उन पर भी गुणदोष के आधार पर विचार किया जा रहा है।
डेढ़ दर्जन पुलिस अधीक्षक भी हटेंगे
पुलिस की तबादले प्रक्रिया में डेढ़ दर्जन जिलों के पुलिस अधीक्षक प्रभावित हो सकते हैं। खास बात यह है कि इनमें ग्वालियर-चंबल के जिले भी शामिल हैं। भोपाल, इंदौर में पदस्थ अधिकारी प्रभावित होंगे। अलग-अलग वजहों से चर्चा में आए पुलिस अधीक्षकों को सबसे पहले हटाया जा सकता है। पुलिस अधिकारियों की बदली एक साथ, न होकर अलग-अलग चरणों में होगी।