डायरेक्ट सेलिंग नियमों के उल्लंघन पर सख्त सरकार, 17 कंपनियों को जारी किया नोटिस

केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (सीसीपीए) ने उपभोक्ता संरक्षण (प्रत्यक्ष बिक्री) विनियम, 2021 के उल्लंघन पर 17 कंपनियों को नोटिस जारी किए है। इनमें से 13 कंपनियों के खिलाफ जांच चल रही है। तीन कपंनियों के जवाब का इंतजार है। उपभोक्ता अधिकारों की प्रतिबद्धता के तहत सीसीपीए ने प्रत्यक्ष बिक्री गतिविधियों को विनियमित करने और मौजूदा कानूनों के कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित कराने पर ध्यान केंद्रित किया है। इसी सिलसिले में प्राधिकरण सीधे बिक्री करने वाली कंपनियों की वेबसाइटों की सावधानीपूर्वक जांच कर रहा है।

प्रत्यक्ष बिक्री का मतलब है। किसी ब्रैंड और उपभोक्ता के बीच किसी बिचौलिए या वितरक के बिना बिक्री करना। यह एक तरह की B2C (व्यवसाय से ग्राहक तक) बिक्री है। प्रत्यक्ष बिक्री में उत्पाद निर्माता से सीधे बिक्री कंपनी के पास जाते हैं, जिसे वे सीधे ग्राहकों को बेचते हैं। यह एक व्यवसाय मॉडल है, जिसमें कंपनी बिना किसी बिचौलिया के सीधे तौर पर अपने उत्पाद और सेवाओं की मार्केटिंग आमतौर पर व्यक्तिगत संपर्क, ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म या घरेलू प्रस्तुतियों के माध्यम से अपने ग्राहकों तक करती है। प्रत्यक्ष बिक्री व्यवसाय पारदर्शी रूप से संचालित होते हैं। उपभोक्ताओं को गुमराह किए बिना वे अपने प्रतिनिधियों को गुणवत्तापूर्ण उत्पाद भेजते हैं और आवश्यक्ता पड़ने पर उचित मुआवजा देते हैं।

केंद्र सरकार ने उपभोक्ता संरक्षण (प्रत्यक्ष बिक्री) विनियम, 2021 को अधिसूचित कर, प्रत्यक्ष बिक्री कंपनियों को विनियमित करने और उपभोक्ता हितों की रक्षा के लिए एक व्यापक ढांचा स्थापित किया है। नियमों का उद्देश्य प्रत्यक्ष बिक्री उद्योग के भीतर पारदर्शिता, दायित्व और कारोबार में नैतिक्ता पूर्ण चलन को बढ़ावा देना है जिससे उपभोक्ताओं को उत्पाद के बारे में सही जानकारी मिले और वे निर्णय ले सकें। इसके अतिरिक्त, ये विनियम उपभोक्ता संरक्षण (ई-कॉमर्स) विनियम, 2020 और कानूनी माप (पैकेज्ड वस्तु) विनियम , 2011 सहित अन्य नियामक ढांचों के पूरक हैं जो उपभोक्ता संरक्षण तंत्र को और सुदृढ़ बनाता है।

हालांकि, कुछ धोखाधड़ी करने वाली कंपनियां निवेशकों की लगातार संख्या बढ़ाकर धोखाधड़ी के जरिए पैसा बनाने की अवैध पिरामिड प्रणाली या मनी सर्कुलेशन योजनाओं को बढ़ावा देने के लिए प्रत्यक्ष बिक्री मॉडल का दुरुपयोग करती हैं। ये कंपनियां अक्सर ऊंची दरें, विदेश यात्राएं, अपना उद्यम स्थापित करने का झांसा देने, अधिक पैसा मिलने और खुशहाल भविष्य के झूठे वादे करती हैं। ये उपभोक्ताओं के भरोसे और स्थापित कानूनों का उल्लंघन करती हैं। उपभोक्ता उनके कहने पर धोखाधड़ी वाले पिरामिड और मनी सर्कुलेशन योजनाओं में फंस जाते है। तीन ऐसे प्रमुख संकेत हैं जो बताते है कि किसी उत्पाद का उपयोग फर्जी पिरामिड योजनाओं के लिए किया जा रहा है:

बड़ी सदस्यता शुल्क या निवेश,भर्ती करने पर पैसे, योजना से हटने, बाय-बैक या अंतराल अवधि का कोई अधिकार न दिया जाना। धोखाधड़ी वाली इन योजनाओं का शिकार होने से बचने और सूचित निर्णय लेने के लिए, उपभोक्ताओं को निम्नलिखित बातों पर ध्यान देना चाहिए:

कंपनी द्वारा प्रकट किए खुलासे की जांच: उपभोक्ता संरक्षण (प्रत्यक्ष बिक्री) विनियम, 2021 के अनुसार कंपनी की वेबसाइट, उसके उत्पादों/सेवाओं के बारे में दिए गए स्पष्ट और पूर्ण प्रकटीकरण को देखें। इसमें उत्पाद जारी किए जाने का प्रमाणपत्र, पैन, जीएसटी पंजीकरण, वस्तु और सेवा के लाइसेंस, ट्रेडमार्क के पंजीकरण का प्रमाणपत्र आदि शामिल होता है।
भर्ती-आधारित आय से बचें : उपभोक्ताओं को ऐसे व्यवसायों से सावधान रहने की आवश्यकता है जो वास्तविक उत्पादों या सेवाएं बेचने की बजाय मुख्यतः दूसरों की भर्ती से होने वाली आय पर जोर देते हैं।
रिटर्न और रिफंड नीतियों को भलीभांति समझना : उपभोक्ताओं को सुनिश्चित करना चाहिए कि कंपनी का पारदर्शी रिटर्न, रिफंड और शिकायत निवारण तंत्र हो।
अनुबंधों को ध्यानपूर्वक पढ़ना : उपभोक्ताओं को उन सभी नियमों और शर्तों को विस्तार से पढ़ना चाहिए जिनमें वित्तीय प्रतिबद्धताएं शामिल हों।
प्रत्यक्ष विक्रेताओं का सत्यापन: केवल उन प्रत्यक्ष विक्रेताओं के साथ बातचीत और कार्य व्यवहार करना चाहिए जिनके पास वैध पहचान पत्र हों और वे उचित बिक्री मार्गदर्शन करें। निराधार दावे और वादे करने वाली कंपनियों से बचना चाहिए।

मौजूदा कानूनी ढांचे के अनुपालन सुनिश्चित करने के महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए अनुचित व्यापार प्रचलन, सेवा में कमी और उपभोक्ता संरक्षण (प्रत्यक्ष बिक्री) विनियम, 2021 के उल्लंघन के आरोप में निम्नलिखित 17 प्रत्यक्ष बिक्री कंपनियों को नोटिस जारी किए गए हैं: – विहान डायरेक्ट सेलिंग (इंडिया) प्राइवेट लिमिटेड (क्यूनेट ग्रुप, हांगकांग की उप-फ्रैंचाइज़ी), ट्रिपटेल्स प्राइवेट लिमिटेड, ओरिएन्स ग्लोबल मार्केटिंग प्राइवेट लिमिटेड, ज़ेनेसा वेलनेस प्राइवेट लिमिटेड, ऑर्गोलाइफ सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड, ओरिफ्लेम इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, जंक्चर मार्केटिंग प्राइवेट लिमिटेड, वोल्टे मार्केटिंग प्राइवेट लिमिटेड, प्रीत लाइफ केयर प्राइवेट लिमिटेड, एनरूट्स होराइजन प्राइवेट लिमिटेड, ई बायोटोरियम नेटवर्क प्राइवेट लिमिटेड, मेघदूत मार्केटिंग प्राइवेट लिमिटेड, सुई धागा लाइफस्टाइल प्रा. लिमिटेड, विनमर्ग बिजनेस प्राइवेट लिमिटेड, आयुषरत्न नेचुरल हर्बल प्राइवेट लिमिटेड, बायोथॉन लाइफकेयर प्राइवेट लिमिटेड, ओकफ्लिप इंडिया प्राइवेट लिमिटेड

इनमें से 13 कंपनियों पर लगे आरोप की अभी जांच चल रही है, जबकि तीन कंपनियों के जवाब का इंतजार है। इस कार्रवाई का उद्देश्य प्रत्यक्ष बिक्री उद्योग में भ्रामक दावें और धोखाधड़ी दूर करना और उपभोक्ता हितों की रक्षा के लिए बनाए गए नियामक ढांचे का पालन सुनिश्चित कराना है।

केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण सभी प्रत्यक्ष बिक्री कंपनियों से आग्रह करता है कि वे विनियामक ढांचे का सख्ती से पालन करें और अपने कारोबार में उपभोक्ता कल्याण को प्राथमिकता दें। सरकार निष्पक्ष, पारदर्शी और उपभोक्ता हित वाले पारिस्थितिकी तंत्र की अपनी प्रतिबद्धता पर अटल है।

उपभोक्ताओं को सलाह दी जाती है कि वे सतर्क रहें और प्रत्यक्ष बिक्री से संबंधित किसी भी संदिग्ध अवैध गतिविधि या नियमों के उल्लंघन की सूचना संबंधित अधिकारियों को दें। इस उद्देश्य के लिए साथ मिलकर ही सब के लिए सुरक्षित और भरोसेमंद बाज़ार सुनिश्चित हो सकता है।

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