मध्य प्रदेश में औद्योगिक विकास के लिए नए-नए क्षेत्र विकसित किए जा रहे हैं, लेकिन पुराने क्षेत्रों की ओर किसी का ध्यान नहीं है। इंदौर के सांवेर रोड, पालदा और पोलो ग्राउंड औद्योगिक क्षेत्र में आधारभूत सुविधाओं की कमी को ‘नईदुनिया” ने प्रमुखता से उठाया। सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम विभाग ने इसका संज्ञान लेते हुए औद्योगिक क्षेत्रों में आधारभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए कार्ययोजना बनाने की बात कही है। विभागीय मंत्री ओमप्रकाश सखलेचा ने कहा कि औद्योगिक विकास के लिए क्लस्टर बनाए जा रहे हैं। इनमें सुविधाओं के विकास और संधारण के लिए नई व्यवस्था लागू करने जा रहे हैं।
शिवराज सरकार आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम को प्रोत्साहित करने की योजना पर काम कर रही है। इसके लिए नीति भी बनाई गई है और विभिन्न् योजनाओं के माध्यम से हितग्राहियों को लाभांवित किया जा रहा है। नए औद्योगिक क्षेत्र भी विकसित किए जा रहे हैं लेकिन जो औद्योगिक क्षेत्र पहले बने हुए हैं और प्रदेश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं, उन्हें आधारभूत सुविधाएं तक नहीं मिल रही हैं।
इंदौर के सांवेर रोड, पालदा और पोलो ग्राउंड औद्योगिक क्षेत्र में सड़क, पानी, नाली आदि की सुविधा तक नहीं है। उद्योगपति परेशान हैं और कई बार ज्ञापन भी दे चुके हैं। नगरीय क्षेत्र में आने के कारण नगर निगम को जो विकास कार्य करने चाहिए वे भी नहीं हो पा रहे हैं। इसका असर व्यापार पर भी पड़ रहा है। नईदुनिया ने इस विषय को प्रमुखता से उठाया। इसका असर यह हुआ कि सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम विभाग ने संज्ञान लेते हुए पूर्व से विकसित औद्योगिक क्षेत्रों में आधारभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने की कार्ययोजना बनाने की बात कही है।
विभाग के सचिव पी नरहरि ने बताया कि अब जो औद्योगिक क्षेत्र नगरीय सीमा में आ गए हैं, वहां आधारभूत सुविधाएं स्थानीय एजेंसी को उपलब्ध कराना होगा। विभाग के स्तर पर इसके लिए समन्वय स्थापित किया जाएगा और केंद्र व राज्य सरकार की योजनाओं के माध्यम से भी विकास कार्य कराए जाएंगे। इसके लिए कार्ययोजना बनाएंगे। औद्योगिक विकास हमारी प्राथमिकता में है। इसके लिए सभी नियम-प्रक्रियाओं का सरलीकरण भी किया गया है। अब भूखंड भी पहले आओ-पहले पाओ पद्धति पर आनलाइन पोर्टल के माध्यम से दिए जाएंगे।