अमेरिकी अदालत ने पलट दिया ट्रंप का आदेश

अमेरिकी अदालत ने पलट दिया ट्रंप का आदेश
अमेरिका के हजारों अप्रवासियों को बड़ी राहत मिली है, जिसमें बड़ी संख्या में भारतीय भी शामिल हैं. अमेरिका की एक संघीय अदालत ने गुरुवार को स्वतः जन्मसिद्ध नागरिकता (Birthright citizenship) के अधिकार को कम करने वाले राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कार्यकारी आदेश पर रोक लगा दी है. संघीय न्यायाधीश ने इस आदेश को स्पष्ट रूप से असंवैधानिक कहा है. डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा कि वह इस फैसले को चुनौती देंगे.
चार राज्यों को दिया आदेश
रिपब्लिकन पूर्व राष्ट्रपति रोनाल्ड रीगन द्वारा नियुक्त सिएटल स्थित अमेरिकी जिला न्यायाधीश जॉन कॉफ़नर ने चार डेमोक्रेटिक नेतृत्व वाले राज्यों- वाशिंगटन, एरिजोना, इलिनोइस और ओरेगन के अनुरोध पर एक अस्थायी निरोधक आदेश जारी किया.
जज ने क्या तर्क दिए
एचटी की रिपोर्ट के मुताबिक मुझे यह समझने में परेशानी हो रही है कि बार का कोई सदस्य स्पष्ट रूप से कैसे कह सकता है कि यह आदेश संवैधानिक है. यह मेरे दिमाग को चकरा देता है. उन्होंने कहा, मैं चार दशकों से बेंच पर हूं. मुझे ऐसा कोई दूसरा मामला याद नहीं आता जहां प्रस्तुत प्रश्न इस मामले जितना स्पष्ट हो. यह एक स्पष्ट रूप से असंवैधानिक आदेश है.
रोनाल्ड रीगन द्वारा नियुक्त 84 वर्षीय कफनौर को 1981 में संघीय बेंच के लिए नामित किया गया था, उन्होंने डीओजे के वकील, ब्रेट शुमेट से पूछा कि क्या शुमेट व्यक्तिगत रूप से मानते हैं कि यह आदेश संवैधानिक है. कफनौर ने कहा कि उन्होंने अस्थायी प्रतिबंध आदेश पर हस्ताक्षर कर दिए हैं.
ट्रंप का आदेश क्या है?
डोनाल्ड ट्रम्प के कार्यकारी आदेश ने अमेरिकी एजेंसियों को संयुक्त राज्य अमेरिका में जन्मे बच्चों की नागरिकता को मान्यता देने से इनकार करने का निर्देश दिया था, यदि न तो उनकी मां और न ही पिता अमेरिकी नागरिक या वैध स्थायी निवासी हैं. ट्रम्प के आदेश के अनुसार, 19 फरवरी के बाद अमेरिका में जन्मे किसी भी बच्चे, जिनके माता और पिता अमेरिकी नागरिक या वैध स्थायी निवासी नहीं हैं, को निर्वासित किया जाएगा और उन्हें सामाजिक सुरक्षा संख्या, सरकारी लाभ से रोका जाएगा.

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