मुख्यमंत्री ने जबलपुर के ग्राम उमरिया में अत्याधुनिक गौशाला का भूमिपूजन किया
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि संतो की नगरी जबालीपुरम आज धन्य हुई है। यह आनंद का धाम बना है। जिले में अत्याधुनिक गौ-शाला बनाये जाने की नीव रखी गई है। उन्होंने कहा कि गौ-संरक्षण एवं संवर्धन के लिए प्रदेश सरकार प्रतिबद्ध है। राज्य सरकार की नीति अनुसार कहीं भी गौ-माता को लावारिस-निराश्रित नहीं रहने दिया जायेगा। प्रदेश के बड़े महानगरों की तरह अन्य बड़ी नगर निगम एवं नगर पालिकाओं में गौ-शालाओं का निर्माण कर इनकी क्षमताओं को 10 हजार तक पहुंचाने का कार्य किया जायेगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश के किसानों को आर्थिक रूप से सशक्त करने के उद्देश्य से सरकार द्वारा 2600 रूपये प्रति क्विंटल समर्थन मूल्य पर गेहूं लेने का निर्णय लिया गया है। इसके साथ ही प्रदेश के धान उत्पादक किसानों को 2 हजार रूपये प्रति हेक्टेयर प्रोत्साहन राशि इसी माह से दी जायेगी।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव बुधवार को जबलपुर के ग्राम उमरिया में 53 एकड़ में बनाई जा रही गौशाला परियोजना के पहले चरण का भूमिपूजन कर संबोधित कर रहे थे। साथ ही जिले के 187.43 करोड़ रूपये से अधिक के विकास कार्यो का लोकार्पण और भूमि-पूजन भी किया। कार्यक्रम का शुभारम्भ मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने दीप प्रज्ज्वलन और संतों को पुष्प माला पहनाकर किया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने गौ-माता का पूजन एवं नमन कर उन्हें आत्मीय भाव से गौ-आहार खिलाया। इस अवसर पर लोक निर्माण विभाग मंत्री राकेश सिंह, पशुपालन मंत्री लखन सिंह पटेल, अनुसूचित जाति कल्याण विभाग मंत्री नागर सिंह चौहान मौजूद थे।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि शासकीय स्तर पर गौ-शालाएं खुलेगी, जिनमें अधिक आयु की निराश्रित, अशक्त गौ-वंशों की देखभाल की जिम्मेदारी सरकार की होगी। इससे सड़क पर विचरण करने वाले लावारिस एवं निराश्रित गौ-वंशों को आश्रय मिलेगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश की गौ-शालाओं के प्रत्येक गौ-वंश के लिए 40 रूपये प्रतिदिन दिये जा रहे हैं। साथ ही साथ घर-घर तक गौ-पालन को प्रोत्साहित करने के लिए 10 से अधिक गौ-वंश पालने वाले व्यक्ति को शासन की ओर से अनुदान दिया जायेगा। उन्होंने कहा कि जो भी गौ-वंश का पालन करता है वह गोपाल और जिसके घर में गाय का कुल वह गोकुल कहलाता है।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि सनातन संस्कृति के अनुसार गौ-माता में हमारे 33 करोड़ देवी-देवता भी विराजमान है। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने गाय को राष्ट्रीय पशु की मान्यता देने की बात कही थी। गौ-माता ही ऐसी एकमात्र माता है जो अपने बच्चों के साथ मनुष्य के बच्चों को अपना दूध पिलाती है।