राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने कहा है कि सार्वजनिक सम्मान और पुरस्कार व्यक्ति को समाज में बेहतर योगदान के लिए प्रेरित करता है। उनका उत्साहवर्धन करता है। उन्होंने सभी सम्मानितों को बधाई देते हुए आशा व्यक्त की कि वे आगे भी वंचितों और पिछड़ों की मदद के लिए बेहतर कार्य करते रहेंगे।
राज्यपाल पटेल ने कहा कि वे प्रदेश के 40 जिलों के दूरस्थ अंचलों का भ्रमण कर चुके हैं। भ्रमण के दौरान वे वंचित और पिछड़े वर्ग के साथ सीधा संवाद करते हैं। सरकार की योजनाओं से मिलने वाली हितग्राहियों की खुशी की अभिव्यक्ति को देख कर उन्हें गर्व और हर्ष का अनुभव होता है कि वे उस प्रदेश के राज्यपाल हैं, जिसकी सरकार पूरी ताकत से लोगों के कल्याण के लिए कार्य कर रही है। उन्होंने सरकार द्वारा जन-कल्याण के लिए किए जा रहे कार्यों के लिए मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान और उनकी टीम को बधाई दी है। आशा व्यक्त की कि भविष्य में भी सरकार इसी गति से कार्य करती रहेगी। राज्यपाल l
पटेल ने कहा कि सरकार की जन-कल्याण की योजनाएँ अंतिम कड़ी के व्यक्ति तक पहुँचाने में अधिकारियों, जन-प्रतिनिधियों और समाज की भूमिका महत्वपूर्ण है। राज्यपाल पटेल ने राज्य के स्थापना दिवस पर होने वाले विभिन्न कार्यक्रमों की सराहना करते हुए कहा कि आयोजनों ने प्रदेश में उल्लास और उमंग का वातावरण बनाया है। राष्ट्र निर्माण के प्रयासों में योगदान के लिए सम्मान और पुरस्कार की पहल प्रेरणादायी है। राज्यपाल पटेल आज मुख्य अतिथि के रूप में पुरस्कार वितरण कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश को समृद्ध बनाने के लिए सभी मिल कर कदम बढ़ाएँ, हम प्रदेश की बेहतरी का संकल्प लें और आम इंसान को राहत देते हुए विकास के नए प्रतिमान स्थापित करें। विकास और शांति में खलल डालने वालों को छोड़ेंगे नहीं, नेस्तनाबूत करेंगे। वहीं अच्छा कार्य करने वाले निरंतर प्रोत्साहित होंगे। मुख्यमंत्री चौहान आज शाम रवीन्द्र भवन के हंस ध्वनि सभागार में गरिमामय पुरस्कार वितरण कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे थे। मुख्यमंत्री चौहान ने अपने संबोधन में मध्यप्रदेश की विशेषताओं का उल्लेख करते हुए कहा कि प्रदेश अनेक क्षेत्र में देश में अव्वल है। यह क्रम आगे भी बना रहेगा। मुख्यमंत्री चौहान ने सभी पुरस्कृत संस्थाओं और व्यक्तियों को बधाई दी। राज्यपाल पटेल और मुख्यमंत्री
चौहान ने विभिन्न श्रेणी में पुरस्कार प्रदान किए।
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