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TMC ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के खिलाफ अपने नेता के बयान पर बनाई दूरी

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के खिलाफ अपने नेता के बयान से तृणमूल कांग्रेस ने दूरी बना ली है। ममता बनर्जी कैबिनेट में मंत्री अखिल गिरी ने एक कार्यक्रम में कहा था, ‘हम किसी को उनकी शक्ल से नहीं आंकते हैं, हम राष्ट्रपति के कार्यालय का सम्मान करते हैं, लेकिन हमारा राष्ट्रपति कैसा दिखता है?’ अखिल गिरी का यह वीडियो सामने आने के बाद से बवाल मचा है। शहीद दिवस कार्यक्रम को लेकर अखिल गिरी ने यह बात कही थी।

 

अखिल गिरी की सफाई

विवाद बढ़ा तो अखिल गिरी को सफाई देना पड़ी। उन्होंने कहा कि वे तो भाजपा नेता सुवेंदु अधिकारी पर निशाना साध रहे थे। बकौल अखिल गिरी, सुवेंदु अधिकारी ने कहा था कि मेरी शक्ल अच्छी नहीं दिखती है। इसका जवाब देते हुए मैंने उक्त बात कही। आखिर कोई उस आदमी की शक्त पर टिप्पणी कैसे कर सकता है जो पश्चिम बंगाल सरकार में मंत्री है।

भाजपा की प्रतिक्रिया

पूरे मामले में भाजपा की ओर से अर्जुन मुंडा ने प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, ममता बनर्जी सरकार के मंत्री और टीएमसी नेता अखिल गिरि ने देश के राष्ट्रपति के ऊपर जिस तरीके से अभद्र टिप्पणी की है, वह निंदनीय है और दुर्भाग्यपूर्ण है। आश्चर्य की बात ये है कि पश्चिम बंगाल की सरकार, जहां स्वंय एक महिला मुख्यमंत्री है। और उसके मंत्रिमंडल के सदस्य खुलेआम देश के महिला जनजाति राष्ट्रपति के ऊपर इस प्रकार का अभद्र टिप्पणी कर रहे हैं। इस मामले में ममता बनर्जी को स्वयं स्पष्टीकरण देना चाहिए, क्योंकि टीएमसी के मंत्री ने इस तरह का गलत बयान दिया है। यह बयान उन्होंने किसके कहने पर दिया है, यह बयान देश को अपमान करने वाला है। ऐसे मंत्री को ममता बनर्जी को अपने मंत्रिमंडल से तुरंत बर्खास्त करना चाहिए। और इस तरह के बयानों के लिए देश से माफी मांगनी चाहिए। टीएमसी नेता के बयानों से स्पष्ट होता है कि यह टीएमसी के चरित्र में है। पश्चिम बंगाल की सरकार, देश के आदिवासियों और पश्चिम बंगाल के आदिवासियों का भी शोषण करती रही है। मैं इसकी घोर निंदा करता हूं, क्योंकि ये बयान अशांति फैलाने वाले हैं।

टीएमसी ने बनाई दूरी

टीएमसी की ओर से सांसद शांतनु सेन ने सफाई दी। उन्होंने कहा, टीएमसी इस टिप्पणी से सहमत नहीं है। टीएमसी भारत के संविधान और राष्ट्रपति का सम्मान करती है। ममता बनर्जी महिला सशक्तिकरण की प्रतीक हैं, इसलिए इस तरह की टिप्पणी का समर्थन करने का सवाल ही नहीं उठता। मंत्री को अपनी गलती का एहसास हुआ और सोशल मीडिया पर माफी मांग ली है।

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