पाकिस्तान ने फिर की शर्मनाक करतूत
दिल्ली से श्रीनगर जा रही इंडिगो की एक फ्लाइट 21 मई को ओलावृष्टि के कारण भीषण टर्बुलेंस (हवा में झटकों) की चपेट में आ गई थी। इस दौरान पायलट ने पाकिस्तान से उसका एयरस्पेस इस्तेमाल करने की इजाजत मांगी थी। लेकिन पाकिस्तान ने मना कर दिया।
न्यूज एजेंसी PTI ने 22 मई को सूत्रों के हवाले से बताया कि इंडिगो फ्लाइट जब अमृतसर के ऊपर से गुजर रही थी, तब पायलट ने हल्का टर्बुलेंस महसूस किया। उन्होंने लाहौर एयर ट्रैफिक कंट्रोल (ATC) से कॉन्टैक्ट किया और खराब मौसम से बचने के लिए पाकिस्तान के एयरस्पेस में घुसने की परमिशन मांगी। पर लाहौर ATC ने पायलट को साफ मना कर दिया, जिसके कारण फ्लाइट को अपने तय रूट पर आगे बढ़ना पड़ा। आगे जाकर फ्लाइट गंभीर टर्बुलेंस की चपेट में आ गई। फ्लाइट जोर से हिलने-डुलने लगी। फ्लाइट में 227 लोग सवार थे। तेज झटकों के कारण सभी चीखने-चिल्लाने लगे थे।
पायलट ने श्रीनगर ATC को जानकारी दी और फ्लाइट की इमरजेंसी लैंडिंग कराई। लैंडिंग के बाद देखा गया कि फ्लाइट का अगला हिस्सा (नोज कोन) टूट गया ।
डायरेक्टरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (DGCA) ने एक बयान जारी करते हुए कहा कि, 21 मई को इंडियो की A321 फ्लाइट दिल्ली से श्रीनगर जा रही थी। पंजाब के पठानकोट के पास अचानक मौसम बिगड़ गया। ओले गिरने लगे। पायलट के मुताबिक, उसने इंडियन एयर फोर्स से बाईं तरफ यानी इंटरनेशनल बॉर्डर की तरफ मुड़ने की परमीशन मांगी।लेकिन पाकिस्तान ने साफ इनकार कर दिया बावजूद यह जानते हुए कि ये यात्री विमान है और यात्रियों की जिंदगी संकट मे है ।
इसके बाद पायलट ने लाहौर एटीसी से संपर्क कर उनके हवाई क्षेत्र में इंट्री करने की परमीशन मांगी लेकिन लाहौर एटीसी ने इजाजत नहीं दी। इसके बाद पायलट ने फ्लाइट को वापस ले जाने का प्रयास किया लेकिन तब तक विमान तेज आंधी-बारिश में पहुंच गया। इसके बाद पायलट ने फ्लाइट को मौसम के बीच ले जाने का फैसला लिया। इस दौरान फ्लाइट की स्पीड तेज कर दी। आखिर में श्रीनगर एयरपोर्ट पर सेफ लैंडिंग की। हालांकि इससे विमान के नोज को नुकसान पहुंचा है। पूरे मामले की जांच DGCA की तरफ से की जा रही है ।
पाकिस्तान ने अपने इस अमानवीय कदम से इंटरनेशनल सिविल एविएशन ऑर्गेनाइजेशन (ICAO) शिकागो कन्वेंशन 1944 का स्पष्ट रूप से उल्लंघन किया है । इस कन्वेंशन के अनुसार, किसी भी देश को इमरजेंसी के हालात में किसी पैसेंजर प्लेन को अपने एयर स्पेस में प्रवेश या लैंडिंग की अनुमति देनी होगी।
आर्टिकल 25 के तहत, प्रत्येक सदस्य देश को यह सुनिश्चित करना होता है कि संकटग्रस्त प्लेन को सहायता प्रदान की जाए, चाहे वह किसी भी देश का हो । यह नियम मानवीय आधार पर बनाया गया है, ताकि पैसेंजर्स और क्रू की सुरक्षा को प्राथमिकता दी जा सके । पाकिस्तान भी एसीएओ का सदस्य है और उसने इस नियम की स्पष्ट अवहेलना की है । यह न केवल मानवीय मूल्यों के खिलाफ है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय कानून का भी उल्लंघन है।