मध्य प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए सरकार ने अपने स्तर पर तैयारी प्रारंभ कर दी है। भाजपा विधायकों से उनके क्षेत्र में सड़क, पुल, पुलिया, सामुदायिक भवन सहित अन्य निर्माण कार्यों के 15-15 करोड़ रुपये तक के प्रस्ताव मांगे गए हैं। साथ ही यह भी कहा गया है कि वे अन्य विधानसभा क्षेत्र के लिए भी पांच करोड़ रुपये तक के प्रस्ताव दे सकते हैं। मुख्यमंत्री कार्यालय इन सभी प्रस्तावों को एकजाई करके संबंधित विभागों को मार्च 2023 में प्रस्तुत होने वाले बजट में शामिल करने के लिए भेजेगा। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान विधायकों से विकास कार्यों को लेकर दिसंबर में चर्चा करेंगे।
अधिकतर विधायकों की मांग मुख्य मार्ग से जोड़ने वाली सड़क, पुल, पुलिया, सामुदायिक भवन सहित अन्य निर्माण कार्यों की होती है। विधायक संबंधित विभागों को प्रस्ताव देते हैं लेकिन मुख्यमंत्री की घोषणा सहित अन्य प्राथमिकता होने के कारण इन्हें बजट में पूरी तरह स्थान नहीं मिल पाता है और विधायकों को स्थानीय स्तर पर परेशानी का सामना करना पड़ता है।
इसे देखते हुए पिछले साल मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पार्टी विधायकों से 15 करोड़ रुपये तक के प्रस्ताव देने के लिए कहा था। इन्हें बजट में प्राथमिकता से शामिल भी कराया गया। इस बार फिर विधायकों को संदेश दिया गया है कि अपने क्षेत्र में कराए जाने वाले कामों की प्राथमिकता निर्धारित करके प्रस्ताव दें। इन्हें संबंधित विभागों को भेजा जाएगा।
विभागों को भी इसकी सूचना दे दी गई है ताकि वे भी इसके अनुसार ही अपनी तैयारियां करें। उधर, पूर्व वित्त मंत्री तरुण भनोत ने इस प्रक्रिया को भेदभावपूर्ण करार दिया। उन्होंने कहना है कि विपक्ष के विधायकों भी जनता से चुनकर आते हैं और क्षेत्र के विकास के प्रति उनकी भी जिम्मेदारी होती है। उनके प्रस्तावों को भी स्थान मिलना चाहिए क्योंकि बजट सबका होता है और विकास कार्य दलगत आधार पर नहीं होने चाहिए।