मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि मध्यप्रदेश में अनुसूचित क्षेत्रों में पेसा एक्ट लागू कर जनजातीय भाई-बहनों के सर्वांगीण विकास के लिए नया इतिहास रचा जा रहा है। पेसा एक्ट में प्रावधान है कि ग्राम विकास की कार्य-योजना ग्राम सभा बनाएगी। ग्राम सभा की अनुमति के बाद ही ग्राम पंचायत को मिलने वाली राशि खर्च होगी। ग्राम सभा विकास कार्यों की गुणवत्ता की निगरानी रखेगी। मस्टर रोल ग्राम सभा के सामने निरीक्षण के लिए रखा जाएगा। श्रमिकों को पूरा पारिश्रमिक समय पर मिले, इसका ध्यान भी ग्राम सभा रखेगी। गाँव में सरकार अब गाँव की चौपाल से चलेगी।
मुख्यमंत्री चौहान खंडवा जिले के पंधाना में पेसा जागरूकता सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री चौहान ने घोषणा की कि पंधाना-घाटाखेड़ी-कालका मार्ग को अब “अमर क्रांतिकारी टंट्या भील” मार्ग के नाम से जाना जायेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि काम के लिए गाँव से बाहर जाने वाले श्रमिकों को पहले ग्राम सभा को बताना होगा कि वह कहाँ काम करने जा रहे हैं, उन्हें उस स्थान का पता लिखाना होगा, जिससे कि श्रमिकों के हितों का ध्यान ग्राम सभा रख सकें। पेसा एक्ट के नियम में प्रावधान है कि शासन की योजना के किसी प्रोजेक्ट में किए जाने वाले सर्वे और भू-अर्जन के लिये ग्राम सभा की अनुमति आवश्यक होगी। विकास के सभी कार्य ग्राम सभा की अनुमति से ही होंगे। पेसा एक्ट जनजातीय भाई-बहनों को हर तरह से मजबूत बनाने के लिए है। यह कानून किसी भी व्यक्ति के खिलाफ नहीं है। सामान्य और पिछड़ा वर्ग के खिलाफ नहीं है। इसे 89 अनुसूचित जनजाति विकासखंड के ग्रामीण क्षेत्र में लागू किया गया है। पेसा एक्ट में अनुसूचित क्षेत्रों में जल, जंगल और जमीन से संबंधित अधिकार नागरिकों को ग्राम सभा के माध्यम से दिये गये हैं।