‘ट्रंप को मारना चाहता था ईरान’ -इजरायली पीएम नेतन्याहू
ईरान-इजरायल के बीच सैन्य संघर्ष विकराल रूप लेता जा रहा है। इजरायल (Israel) ने ईरान (Iran) के 170 से ज्यादा जगहों और 720 सैन्य बुनियादी ढांचों को निशाना बनाया। ईरान के 20 सैन्य अधिकारी और कई सीनियर वैज्ञानिक मारे गए। करीब 400 आम नागरिकों की मौत हुई है। 250 से अधिक ईरानी नागरिक घायल हैं, जबकि ईरान ने जवाबी कार्रवाई में तेल अवीव (Tel Aviv), येरुशलम पर हमला किया। ईरान ने दावा किया कि उसने इजरायली रक्षा मंत्रालय को भी निशाना बनाया। ईरानी हमले में 14 इजरायली नागरिक मारे गए हैं। 390 लोग घायल हुए हैं।
मध्यस्थता की पेशकश खारिज
ईरान ने ओमान (Oman) और कतर की ओर से पेश किए गए मध्यस्थता के प्रस्ताव को खारिज कर दिया है। दोनों देश के नेता जंग की बात कर रहे हैं। इजरायली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू (Netanyahu) ने लगातार हमला करने की कमस खाई है। ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड्स कॉर्प्स (IRGC) ने बड़ा जवाब देने का वादा किया है।
मध्यस्थता की पेशकश खारिज
ईरान ने ओमान (Oman) और कतर की ओर से पेश किए गए मध्यस्थता के प्रस्ताव को खारिज कर दिया है। दोनों देश के नेता जंग की बात कर रहे हैं। इजरायली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू (Netanyahu) ने लगातार हमला करने की कमस खाई है। ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड्स कॉर्प्स (IRGC) ने बड़ा जवाब देने का वादा किया है।
इजरायली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि ईरान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की हत्या करना चाहता है। उन्होंने कहा कि ईरान ट्रंप को अपने न्यूक्लियर प्रोग्राम के लिए थ्रेट के रूप में देखता है। ट्रंप ने ईरान के साथ कभी भी नरमी नहीं बरती। उन्होंने वही किया जो सही था। ईरान को परमाणु हथियार बनाने से दूर रखा। यही कारण है कि ईरान उन्हें अपना दुश्मन नंबर एक मानता है। नेतन्याहू ने कहा कि एक्सिस ऑफ रेजिस्टेंस के जरिए ईरान ने ट्रंप को दो बार मारने का प्लान बनाया, लेकिन उनका प्लान फेल हो गया।
नेतन्याहू ने कहा कि ट्रंप ईरान के साथ फर्जी समझौते से बाहर निकल आए थे। उन्होंने IRGC प्रमुख कासिम सुलेमानी को मार गिराया था। उन्होंने बहुत स्पष्ट कर दिया था कि ईरान के पास परमाणु हथियार न हो। वह बेहद प्रभारी रहे हैं। इसलिए ईरान के लिए वह दुश्मन नंबर वन हैं।