त्रिपुष्कर योग समेत इन संयोग में मनाई जाएगी देवशयनी एकादशी
हर साल आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को देवशयनी एकादशी मनाई जाती है। इस शुभ अवसर पर जगत के पालनहार भगवान विष्णु और लक्ष्मी मां की पूजा की जाती है। साथ ही एकादशी का व्रत रखा जाता है। एकादशी व्रत करने से साधक की हर मनोकामना पूरी होती है। साथ ही घर में सुख, समृद्धि एवं शांति आती है।
ज्योतिषियों की मानें तो देवशयनी एकादशी पर त्रिपुष्कर योग समेत कई मंगलकारी योग बन रहे हैं। इन योग में लक्ष्मी नारायण जी की पूजा करने से साधक को मनोवांछित फल की प्राप्ति होगी। 05 जुलाई को शाम 06 बजकर 58 मिनट पर आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि की शुरुआत होगी। वहीं, 06 जुलाई को शाम 09 बजकर 14 मिनट पर एकादशी तिथि समाप्त होगी। इस प्रकार 06 जुलाई को देवशयनी एकादशी मनाई जाएगी। वहीं, देवशयनी एकादशी का पारण 07 जुलाई को किया जाएगा।
त्रिपुष्कर योग (Devshayani Ekadashi Shubh Muhurat)
ज्योतिषियों की मानें तो आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि पर त्रिपुष्कर योग का निर्माण रात 09 बजकर 14 मिनट से हो रहा है। वहीं, रात 10 बजकर 42 मिनट पर समाप्त होगा। इसके साथ ही साध्य योग का संयोग रात 09 बजकर 27 मिनट तक है। इसके बाद शुभ योग बन रहा है। इन योग में लक्ष्मी नारायण जी की पूजा करने से साधक के सुखों में वृद्धि होगी।