रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने इस साल लगातार 5वीं बार रेपो रेट में बढ़ोतरी करने का ऐलान किया है। RBI ने रेपो रेट को 0.35 फीसदी बढ़ाने की घोषणा की है। इस ऐलान के बाद रेपो रेट अब 5.90 प्रतिशत से बढ़कर 6.25 प्रतिशत हो जाएगा। आरबीआई के इस फैसले के कारण आने वाले कुछ दिनों में होम लोन सहित सभी तरह के पर्सनल लोन भी महंगे हो जाएंगे। एमपीसी बैठक के बाद RBI गवर्नर शक्तिकांत दास (Shaktikant Das) ने बुधवार को नीतिगत दरें बढ़ाए जाने की घोषणा की है।
आरबीआई ने रेपो रेट में 0.35% की बढ़ोतरी हुई, 0.35% बढ़ाकर 6.25 % हुआ। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि अगले 12 महीनों में मुद्रास्फीति दर 4 फीसदी से ऊपर रहने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि FY23 के लिए CPI मुद्रास्फीति का पूर्वानुमान 6.7 फीसदी पर बरकरार है। आरबीआई गवर्नर ने कहा कि एफडीआई प्रवाह अप्रैल से अक्टूबर 2022 में बढ़कर 22.7 अरब डॉलर हो गया, जो बीते साल की इसी अवधि में 21.3 अरब डॉलर था।
खत्म नहीं हुई महंगाई से लड़ाई
आरबीआई गवर्नर ने कहा कि मॉडरेशन के कुछ संकेतों के बावजूद मुख्य जोखिम यह था कि मुद्रास्फीति स्थिर और उच्च बनी रहेगी। दास ने मौद्रिक नीति समिति के फैसले की घोषणा करते हुए कहा कि एमपीसी का विचार था कि मुद्रास्फीति की उम्मीदों को स्थिर रखने, मुख्य मुद्रास्फीति की दृढ़ता को तोड़ने और दूसरे दौर के प्रभावों को रोकने के लिए आगे की कैलिब्रेटेड मौद्रिक नीति कार्रवाई की आवश्यकता थी। उन्होंने कहा कि RBI सिस्टम में तरलता लाने के लिए LAF संचालन करने के लिए तैयार है। “तरलता की स्थिति में सुधार होना तय है। भारित औसत उधार दर मई-अक्टूबर में 117 बीपीएस बढ़ी है।”