संभागायुक्त मालसिंह भयड़िया ने रविवार को संभाग भर के नगरीय निकायों और पंचायत निकायों के अधिकारियों की वर्चुअल बैठक में निर्देश दिए है कि हितग्राही मूलक योजनाओं का लाभ नागरिकों को सुनिश्चित करते हुए विकास और निर्माण कार्यों को तय समय सीमा में गुणवत्ता के साथ पूरा करे। बैठक में संयुक्त आयुक्त विकास सुदर्शन सोनी सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
नगरीय निकाय समय पर कार्य पूर्ण करे
कमिश्नर ने पहली बैठक नगर परिषद और नगर पालिका अधिकारियों की ली और प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी, मुख्यमंत्री अधोसंरचना विकास, शहरी पेयजल सहित स्वच्छता अभियान के कार्यों की समीक्षा की। उन्होंने लक्ष्य अनुसार प्रगति की जानकारी ली और कम प्रगति वाले निकायों के अधिकारियों को सचेत किया कि वे काम में तेजी लाएं और निर्धारित समय अवधि में काम पूरा करें अन्यथा अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाएगी।
कमिश्नर ने राजस्व वसूली कार्य की समीक्षा भी की। उन्होंने अपेक्षाकृत कम राजस्व वसूल करने वाले निकायों को तत्काल अभियान चलाने के निर्देश भी दिए।
ग्रामीण विकास में नवाचार करें सीईओ – भयड़िया
संभाग के जिला और जनपद पंचायत के सी ई ओ की बैठक में भी संभागायुक्त श्री भयड़िया ने लगभग 3 घंटे विस्तार से ग्रामीण विकास कार्यों की समीक्षा की। उन्होंने बैठक में प्रमुख रूप से मनरेगा, प्रधानमंत्री ड्रिप सिंचाई, स्वच्छ भारत मिशन, आजीविका मिशन, अमृत सरोवर और उत्तम धरोहर सहित विभिन्न निर्माण कार्यों की प्रगति की समीक्षा की।उन्होंने प्रधानमंत्री आवास और आवास प्लस की प्रगति की भी जानकारी ली तथा समय अवधि में कार्य पूर्ण करने के निर्देश दिए।उन्होंने मुख्यमंत्री जनसेवा अभियान के तहत लाभान्वित किए जाने के कार्यक्रम की भी अधिकारियों से जानकारी ली।
बैठक में जिला पंचायत के सीईओ को निर्देश दिए गए है कि वे शासन की फ्लैगशिप योजना के अलावा अन्य कार्यक्रमों में नवाचार का कार्यक्रम तैयार कर भेजे,जिससे उन कामों की भी समीक्षा की जा सके।अमृत सरोवर के निर्माण में अच्छा काम नही करने वाले ग्रामीण यांत्रिकी विभाग के उपयंत्रियो के विरुद्ध कार्यवाही के लिए अधीक्षण यंत्री को प्रस्ताव भेजने के निर्देश दिए है।कमिश्नर ने सभी जिलों के अधिकारियों से कहा कि वे जिला पंचायत भोपाल से प्रेरणा लेकर स्वच्छ भारत मिशन में बेहतर काम करें।उन्होंने मछली पालन विभाग को प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना में लाभ सुनिश्चित करते हुए,स्वसहायता समूहों को मछली और सिघाड़ा उत्पादन से जोड़ने के निर्देश दिए।