मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भोपाल के मोतीलाल नेहरू स्टेडियम में नगरीय निकायों के नव-निर्वाचित जन प्रतिनिधियों की कार्यशाला -सह-सम्मेलन का शुभारंभ कन्यापूजन व दीप प्रज्वलन के साथ किया। मुख्यमंत्री ने सरपंचों का मानदेय बढ़ाने के बाद अब महापौर, अध्यक्ष और पार्षदों को मानदेय में दोगुना वृद्धि का तोहफा दिया है।उन्होंने कहा कि आप और हम मिलकर प्रदेश का विकास करे। मुख्यमंत्री ने कहा जनता को सफाई, बिजली, पानी आदि संबंधी कोई भी कष्ट होगा, तो सबसे पहले पार्षद के पास लोग पहुंचते हैं। ऐसे में आप पार्षद भाई-बहनों को धैर्य नहीं खोना है। आप सदैव उत्साह के साथ जनता की सेवा करें।
मुक्तसङ्गोऽनहंवादी धृत्युत्साहसमन्वितः।
सिद्ध्यसिद्ध्योर्निर्विकारः कर्ता सात्त्विक उच्यते।।
हम अहंकार न लाएं, हमेशा विनम्र बने रहें। मुख्यमंत्री हो, अध्यक्ष-उपाध्यक्ष या पार्षद सभी जनता के सेवक हैं।पार्षदों की जिम्मेदारी मेयर और अध्यक्ष से अधिक बड़ी है। मुख्यमंत्री-मंत्री आपके कारण ही अच्छा काम कर पाएंगे। इसलिए धैर्य व उत्साह से हमेशा भरे रहना। पांव में चक्कर, मुंह में शक्कर,सीने में आग और माथे पर बर्फ हो, यही जनप्रतिनिधि के लिए मंत्र है। इसका मतलब है कि सुबह लोगों से मिलिये। मुंह में शक्कर का अर्थ है कि कड़वा मत बोलो। सीने में आग का मतलब काम करने की तड़प और माथे पर बर्फ यानी दिमाग ठण्डा रखो।मध्य प्रदेश की धरती पर गुंडे, बदमाशों और दबंगों पर कार्रवाई करके 21 हजार एकड़ जमीन इनसे मुक्त कराई है।अब इन जमीनों पर गरीबों को मकान बनाकर देने के लिए हम संकल्पित हैं।