शुक्र ग्रह पूरे साल में 12 बार बदलेंगे चाल
भारतीय ज्योतिष में शुक्र का विलासिता, सुख संपदा और वैभव को प्रभावित करने वाला बताया गया है। हिन्दू पंचांग के अनुसार शुक्र का गोचर होने के बाद सभी राशियों के जीवन पर प्रभाव होता है। जैसे किसी जातक की कुंडली में गुरु का उच्च होना जरुरी होता है, वैसे ही शुक्र का प्रबल होना भी काफी शुभ फल देता है। शुक्र ग्रह को धन का कारक माना जाता है, इसके अलावा विवाह आदि से जुड़े कार्यों में भी शुक्र ग्रह का ठीक होना बेहद जरूरी होता है। यदि किसी जातक की कुंडली में शुक्र ग्रह की स्थिति ठीक नहीं है तो शादी में देरी भी हो सकती है।भारतीय ज्योतिष में शुक्र का विलासिता, सुख संपदा और वैभव को प्रभावित करने वाला बताया गया है। हिन्दू पंचांग के अनुसार शुक्र का गोचर होने के बाद सभी राशियों के जीवन पर प्रभाव होता है। जैसे किसी जातक की कुंडली में गुरु का उच्च होना जरुरी होता है, वैसे ही शुक्र का प्रबल होना भी काफी शुभ फल देता है। शुक्र ग्रह को धन का कारक माना जाता है, इसके अलावा विवाह आदि से जुड़े कार्यों में भी शुक्र ग्रह का ठीक होना बेहद जरूरी होता है। यदि किसी जातक की कुंडली में शुक्र ग्रह की स्थिति ठीक नहीं है तो शादी में देरी भी हो सकती है।
रहन-सहन को प्रभावित करता है शुक्र ग्रह
शुक्र को उच्च होने से जातक का रहन-सहन प्रभावित होता है। वहीं संगीत, कला, साहित्य जैसे विषयों में भी जातक को प्रसिद्धि प्राप्त होती है। किसी व्यक्ति के चरित्र का गठन भी शुक्र ही करते है। शुक्र को वीर्य के रूप में माना गया है। ऐसे में जीवन को सफल, स्वस्थ बनाने के लिए वीर्य का होना आवश्यक है।