अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार नया साल 2023 शुरू हो चुका है और बुधवार, 4 जनवरी को साल का पहला प्रदोष व्रत है। पंडित रमाकांत मिश्रा ने बताया के इस बार प्रदोष के दिन कई शुभ संयोग बन रहे हैं। भोलेनाथ की आराधना कर उन्हें प्रसन्न करने के लिए यह बहुत ही अच्छा समय माना जा रहा है।
साल 2023 का पहला प्रदोष व्रत पौष माह की शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि है और बुधवार होने के कारण यह बुध प्रदोष व्रत कहा गया है। इस दिन शिव परिवार की पूजा करने से व्यक्ति के समस्त दुख और पाप नष्ट होंगे और जीवन की सभी समस्याएं भी दूर होंगी। साथ ही गणेश जी की पूजा से व्यक्ति के संकट भी खत्म होंगे।
हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत को सबसे खास माना जाता है। प्रदोष व्रत में भगवान शिव की पूजा का विधान बताया गया है। ऐसी मान्यता है कि जो कोई भी व्यक्ति सच्चे मन से प्रदोष व्रत रखता है, भगवान शिव उस व्यक्ति की सभी मनोकामना को पूरा करते हैं।
बुध प्रदोष व्रत शुभ मुहूर्त
हिंदू पंचांग के अनुसार, 2023 का पहला प्रदोष व्रत पौष माह की त्रयोदशी तिथि के दिन पड़ रहा है और त्रयोदशी तिथि की शुरुआत 03 जनवरी को रात 10 बजकर 01 मिनट पर होगी और 04 जनवरी को रात 11 बजकर 50 मिनट पर इसका समापन हो जाएगा।