देशभर में आज प्रवासी भारतीय दिवस मनाया गया। 8 जनवरी से 10 जनवरी तक देश में भारतीय प्रवासी दिवस पर भव्य सम्मेलन आयोजित किया जा रहा है, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शिरकत की, कोविड महामारी के कारण देश में लगभग दो साल बाद प्रवासी भारतीय सम्मेलन हो रहा है, यह अपने आप में महत्वपूर्ण है। आयोजन मध्य प्रदेश के इंदौर शहर में होगा, जहां दुनियाभर का ग्लैमर देखने को मिल रहा है। सम्मेलन को लेकर देशवासी और एनआरआई दोनों ही काफी उत्साहित हैं।
कब मनाते हैं प्रवासी भारतीय दिवस?
हर वर्ष प्रवासी भारतीय दिवस 9 जनवरी को मनाया जाता है। इस साल प्रवासी भारतीय दिवस के मौके पर इंदौर में तीन दिवसीय सम्मेलन का आयोजन है, जिसकी शुरुआत 8 जनवरी से हो गई है। वहीं 10 जनवरी को सम्मेलन का समापन होगा।
प्रवासी भारतीय दिवस मनाने की घोषणा तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने वर्ष 2002 में की थी। हालांकि इस दिन का इतिहास 1915 से जुड़ा हुआ है। भारत सरकार द्वारा स्थापित भारतीय डायस्पोरा पर उच्च समिति की सिफारिशों के अनुसार इस दिन को मनाने का फैसला लिया। फिर 2003 में पहली बार प्रवासी भारतीय दिवस मनाया गया।
प्रवासी भारतीय दिवस की थीम
प्रवासी भारतीय दिवस की हर दो साल में एक विशेष थीम होती है। इसी थीम पर यह खास दिन मनाया जाता है। प्रवासी भारतीय दिवस की स्थापना के बाद से वर्ष 2015 तक हर साल इस दिन को मनाया जाता था। हालांकि 2015 में संशोधन के बाद हर दो साल में एक बार इसे मनाने का फैसला लिया गया। उस साल प्रवासी भारतीय दिवस की थीम ‘अपना भारत अपना गौरव’ तय किया गया। फिर 2021 में आखिरी बार मनाया गया। कोविड 19 के कारण दो वर्ष तक प्रवासी भारतीय सम्मेलन आयोजित नहीं हुए। प्रवासी भारतीय दिवस 2023 की थीम ‘प्रवासी: अमृत काल में भारत की प्रगति के विश्वसनीय भागीदार’ है।
प्रवासी भारतीय दिवस का महत्व
– प्रवासी भारतीयों को देशवासियों के साथ बातचीत के लिए एक मंच उपलब्ध कराना।
– प्रवासी भारतीयों को भारतीय युवाओं से जोड़ना।
– निवेश के अवसर में बढ़ोतरी करना।
– प्रवासी भारतीयों को सरकार और देश के नागरिकों के साथ जोड़ने वाली लाभकारी गतिविधियों में शामिल करना।