प्रवासी भारतीय सम्मेलन के अंतिम दिन वित्तमंत्री एन. सीतारमन ने कहा कि भारत काफी आशावादी देश बन चुका है। प्रत्येक क्षेत्र में विकास तेजी से हो रहा है। 1991 के दौरान भारत में ग्लोबलाइजेशन का दौर आया। यहां सभी वस्तुओं के लिए दरवाजे खुल चुके हैं। समय-समय पर नीतियां बदली गई है। वे कहती है कि इस तरह से नीति बनाई गई है, उस पर अपना इनपुट या सुझाव देने की जरूरत है। आपको अधिक जुड़ाव और एकीकरण करने में मदद करने के लिए सरकार आगे आई है।
उन्होंने कहा कि राष्ट्र निर्माण को लेकर सरकार प्रत्येक स्तर पर तैयारी करने में लगी है। अगले 25 साल को ध्यान में रखकर केंद्र सरकार काम करने में लगी है। ताकि भारत भी एक ब्रांड बनकर उभर कर विश्व के सामने आए। देश में मैन्यूफैक्चरिंग की दिशा में कार्य किया जा रहा है। कुछ सालों में स्थितियां बदलेगी। भारत सामान खरीदने के अलावा बेचने की स्थिति में आएगा।