अमेरिका और चीन (China) में तनावपूर्ण रिश्तों के बीच दोनों देश के नेता बुधवार को बैठक करेंगे। माना जा रहा है कि इस बैठक से हाल के वर्षों में दोनों के बीच खराब हुए संबंधों को सुधारने में मदद मिलेगी। अमेरिका (America) के वित्त मंत्री जेनेट येलेन और उनके चीनी समकक्ष लियू हे के बीच ये बैठक ऐसे समय में हो रही है, जब यूएस और चीनी अर्थव्यवस्थाएं व्यापार, प्रौद्योगिकी सहित अलग-अलग परस्पर जुड़ी चुनौतियों से जूझ रही हैं। मुलाकात के दौरान कई मुद्दों को चर्चा होने की संभावना है।
कोरोना ने चीनी अर्थव्यवस्था को किया प्रभावित
कोरोना वायरस ने चीनी अर्थव्यवस्था को बुरी तरह से प्रभावित किया है। हजारों लोगों की मौत हो गई है और अनगिनत व्यवसाय बंद हुए हैं। लेकिन बाजार अब फिर से खुल गए हैं। वहीं, अमेरिका धीरे-धीरे 40 साल की उच्च मूल्य मुद्रास्फीति से उबर रहा है। इसके अलावा, यूक्रेन पर रूसी आक्रमण भी वैश्विक आर्थिक विकास में बाधा है। अमेरिका और उसके सहयोगियों ने रूस पर तेल की कीमतों कैपिंग की है। वहीं, रूस के मित्र और आर्थिक सहयोगी के नाते चीन भी मुश्किल स्थिति में है।
मंदी की कगार पर वैश्विक अर्थव्यवस्था
विश्व स्तर पर उच्च ब्याज दरों ने कर्ज के बोझ से दबे देशों पर दबाव बढ़ा दिया है। इनमें कई देश चीन को बड़ी रकम का भुगतान करते हैं। अटलांटिक काउंसिल के जियोइकोनॉमिक्स सेंटर के वरिष्ठ निदेशक जोश लिप्स्की ने कहा कि गलत नीतिगत कदम के कारण 2023 में वैश्विक अर्थव्यवस्था को मंदी की ओर देखा जा सकता है। इसके अलावा, विश्व बैंक ने भी पिछले सप्ताह रिपोर्ट दी थी कि वैश्विक अर्थव्यवस्था इस साल मंदी के कगार पर पहुंच जाएगी। ये अमेरिका और चीन सहित दुनिया की सभी शीर्ष अर्थव्यवस्थाओं में कमजोर वृद्धि के कारण होगा।