नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेन्द्र सिंह ने बताया है कि मध्यप्रदेश द्वारा 6 लाख से अधिक पथ विक्रेताओं को पीएम स्वनिधि योजना से स्व-रोजगार, स्व-रोजगार से स्वाबलंबन एवं स्वाबलंबन से स्वाभिमान के पथ पर अग्रसर किया गया है। मध्यप्रदेश योजना में प्रथम और द्वितीय चरण के क्रियान्वयन में देश में प्रथम है।
मंत्री सिंह ने बताया है कि पीएम स्वनिधि योजना के तीनों चरणों में अभी तक 7 लाख 8 हजार 255 आवेदन स्वीकृत किये गये हैं। इनमें से 6 लाख 47 हजार 951 हितग्राहियों बैंकों द्वारा ऋण वितरित किये जा चुके हैं।
केन्द्रीय आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय द्वारा योजना प्रथम चरण में प्रदेश को 5 लाख 20 हजार पथ विक्रेताओं को 31 मार्च 2023 तक लाभ देने का लक्ष्य दिया गया था। नगरीय विकास एवं आवास विभाग द्वारा वित्तीय वर्ष की समाप्ति 31 मार्च के ढ़ाई माह पूर्व जनवरी में ही लक्ष्य को प्राप्त करते हुए 5 लाख 20 हजार 187 पथ विक्रेताओं को 10-10 हज़ार रूपये की ब्याज मुक्त कार्यशील ऋण पूँजी प्रदान कर दी गयी है। यह राशि शहरी क्षेत्र के पथ विक्रेताओ को DBT के माध्यम से बैंक खाते में अंतरित की गयी है।
योजना के द्वितीय चरण में बैंकों द्वारा एक लाख 57 हजार 158 आवेदन स्वीकृत किये गये हैं। इनमें से 1 लाख 23 हजार 261 आवेदकों को 20-20 हजार रूपये उनके बैंक खातों में अंतरित किये जा चुके हैं।
तृतीय चरण में बैंकों द्वारा 5 हजार 281 आवेदन स्वीकृत किये गये हैं। इनमें से 4 हजार 503 आवेदकों को 50-50 हजार रूपये ब्याज मुक्त ऋण उनके बैंक खातों में जमा करवा दी गई है।
योजना में तीन चरणों में क्रमश: 10 हज़ार रूपये, 20 हज़ार रूपये और 50 हज़ार रूपये की ब्याज मुक्त कार्यशील ऋण पूँजी दी जा रही है। प्रदेश के पथ विक्रेताओं के मध्य डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा लगभग 3 करोड़ 50 लाख रूपये का कैशबैक भी किया गया है।