भोपाल, भाजपा की फायर ब्रांड नेता और राष्ट्रवादी छवि से जन जन तक लोकप्रिय रामेश्वर शर्मा की विधायकी वाले क्षेत्र हुजूर में कांग्रेस की सक्रियता चुनावी वर्ष में बढ़ गयी है। भले ही जनता के बीच कांग्रेस गुटबाजी की चर्चा होती है पर कांग्रेस ने विधानसभा में घेरा बंदी शुरू कर दी है। जनवरी के पहले सप्ताह में विधानसभा के भाजपा पार्षद बहुल क्षेत्र कोलार उपनगर में काँग्रेस के विष्णु विश्वकर्मा ने हनुमान चालीसा के साथ शंखनाद कर चुनावी बिगुल बजाया।
नीलबड़ उपनगर मार्ग जिस जगह से मुख्यमंत्री शिवराज सिह चौहान ने माफिया को चुनौती देते हुए सभा को संबोधित करते हुए कांग्रेस पर जमकर बरसे थे। उन्होंने सीधे कहा था कि सुन लो कमल नाथ, दिग्विजय सिंह, सुन लो कांग्रेस के नेता, गुंडों को मामा किसी भी कीमत पर नहीं छोडे़गा। कांग्रेस की सरकार में दिग्विजय सिंह जैसे नेता जिनको खाद-पानी देते थे, उन्होंने सरकारी जमीन पर कब्जा किया। वे जनता का हक मारते थे। गुंडागर्दी और दादागीरी करते थे। उन्होंने एक-दो एकड़ नहीं, हजारों एकड़ जमीन दबा रखी थी।
अब कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ नीलबड़ से 6 किमी दूर मुगालिया छाप से हाथ से हाथ जोड़ो अभियान की शुरुआत 26 जनवरी को करने जा रहे है। जिसमें दावा किया जा रहा बूथ बूथ से कार्यकर्ता कार्यक्रम में जुटेगा।
कोलार में कांग्रेस नेता ने डागा से अनुमति लेकर लगाया राहुल गांधी संग होडिंग
उपनगर कोलार में 26 जनवरी को कांग्रेस के कार्यकारी जिला अध्यक्ष द्वारा मध्य विधायक आरिफ मसूद, दक्षिण-पश्चिम विधायक पीसी शर्मा की उपस्थिति में शहर भर के काँग्रेस नेताओं की उपस्थिति में माँ तुझे प्रणाम कार्यक्रम का आयोजन होना है।
दो दिन पहले राहुल सिंह राठौड़ ने चुनौती देती भाषा में कई पोस्ट सोशल मीडिया में पोस्ट की थी।
आज उन्होंने सर्वर्धम गेट पर भाजपा नेताओं द्वारा लगाये पोस्टर को हटा कर अपना पोस्टर लगाकर लिखा है “सत्य की विजय हुई….26 जनवरी को होनेवाले मां तुझे प्रणाम का होर्डिंग सर्वधर्म पुल के गेट पर दोनो तरफ लगाया गया…गेट के मालिक डागाजी से अनुमति लेकर होर्डिंग लगाया…भारत माता की महाआरती होगी गणतंत्र दिवस पर शान से…जयहिंद”,,
जनता के बीच सवाल उठ रहा है, क्या कांग्रेस हुजूर विधानसभा को जीत कर अपनी राष्ट्रवादी, हिंदूवादी छवि को मज़बूत करना चाहती है।
सूत्रों को कहना है कोलार से अगस्त माह में निकली ऐतिहासिक तिरंगा यात्रा की सफलता और विधायक रामेश्वर शर्मा के बंगले का घेराव करने वाला (रामधुन) का दिग्विजय सिंह का विफल आंदोलन कांग्रेस के रणनीतिकारों को बैचेन करे हुए है।