Home News Update कष्टों से मुक्ति पाने के लिए कब रखा जाएगा सूर्य सप्तमी व्रत?

कष्टों से मुक्ति पाने के लिए कब रखा जाएगा सूर्य सप्तमी व्रत?

माघ महीने के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को हर साल अचला सप्तमी का व्रत रखा जाता है। कई जगहों पर अचला सप्तमी को सूर्य सप्तमी या रथ सप्तमी भी कहते हैं। यह व्रत सूर्य देव को समर्पित होता है। इस साल यह व्रत 28 जनवरी 2023, शनिवार के दिन रखा जाएगा।
महिलाएं अचला सप्तमी के दिन सूर्यदेव को प्रसन्न करने के लिए व्रत रखती हैं और उनसे सौभाग्य और सौंदर्य का आशीर्वाद प्राप्त करती हैं। ये व्रत सूर्य देव को समर्पित व्रत है इसलिए इस दिन विधि पूर्वक पूजा करनी चाहिए और कुछ विशेष नियमों का पालन भी करना चाहिए।
– इस दिन सुबह जल्दी उठकर सूर्यदेव की पूजा करें।
– इसके अलावा इस दिन मान्यता है कि नदी या तालाब में जाकर सूर्य देव की आराधना करनी चाहिए।
– सूर्य सप्तमी के दिन उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देना चाहिए और अर्घ्य देते समय सूर्य मंत्र का जाप करने चाहिए।
– इसके बाद नदी किनारे ही सूर्य की अष्टदली प्रतिमा बनाएं और शिव तथा पार्वती की स्थापना कर उनकी पूजा करें।
– पूजन के बाद सूर्य देव और शिव-पार्वती का विसर्जन करें।
– अंत में किसी ब्राह्मण को दान-दक्षिणा जरुर दें।
सूर्य सप्तमी का महत्व
भागवत पुराण के अनुसार स्वयं विष्णु अवतार भगवान राम प्रतिदिन सूर्य आराधना करते थे। वहीं सूर्य सप्तमी व्रत को लेकर शास्त्रों के अनुसार बताया गया है कि, सूर्य देव सृष्टि के साक्षात देव माने गए हैं। अपने प्रकाश से वो नकारात्मक ऊर्जा का शमन करते हैं।
आरोग्यता देते हैं। मान्यता है कि सूर्य सप्तमी के दिन ही भगवान भास्कर सात घोड़ों पर सवार होकर प्रकट हुए थे। बहुत सी जगह इस दिन को सूर्य जयंती के रूप में भी मनाया जाता है। इस दिन आदित्य हृदय स्त्रोत का पाठ करना भी शुभ रहता है।

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