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अति हर बात की बुरी, मार्यादा में रहकर ही काम करना चाहिए – जया किशोरी

अति हर बात की बुरी होती है। इसलिए मर्यादा में रहकर ही हमें हर काम करना चाहिए, ताकि किसी भी प्रकार की परेशानी जीवन में न आए। जो खुद की चिंता नहीं करते हैं, उसकी चिंता भगवान करते हैं। जो जीवन में अच्छा है वही करते हैं। अपने जीवन की बागडोर भगवान के भरोसे छोड़िए, प्रभु स्वयं संभालने आ जाते हैं। यह बात हिंदू सनातन जागृति मंच समिति के तत्वावधान में वार्को सिटी में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के पहले दिन जया किशोरी ने कही। जया किशोरी की भागवत कथा के पहले दिन बड़ी संख्या में महिला व पुरुषों ने कथा पांडाल में पहुंचकर कथा का लाभ लिया।
दो घंटे देरी से आने से श्रद्धालुओं को कथावाचक का इंतजार करना पड़ा। आधा घंटा स्वागत, सम्मान के बाद ढाई घंटे बाद कथा प्रारंभ हुई। व्यवस्था के लिए सात थानों का पुलिस बल तैनात किया गया था। एक आरक्षक की अभद्रता के कारण विवाद की स्थिति निर्मित हुई। कथा के दौरान जया किशोरी ने व्यास की महत्ता पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि वेदव्यास ने संपूर्ण वेद में उपनिषदों का सार लिख दिया है। भगवान के तीन स्वरूप होना बताया। विस्तृत रूप से वर्णन करते हुए उनके रूपों को वर्णित किया। इसमें प्रथम सत्य, द्वितीय चित्त, तृतीय आनंद अर्थात सच्चिदानंद भगवान। धन दौलत, पद, प्रतिष्ठा, मिलना कठिन नहीं है, पर सब कुछ प्राप्त करने के बाद उसे बनाए रखना कठिन है। पद मिलने के बाद व्यक्ति उसका दुरुपयोग करने लगता है, जिसकी वजह से उसे पद-प्रतिष्ठा सब गंवानी पड़ती है।

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