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लाहरी बाई की “श्री अन्न” मोटे अनाज के संरक्षण के लिए प्रतिबद्धता ने प्रदेश का गौरव बढ़ाया – मुख्यमंत्री चौहान

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मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि डिण्डौरी जिले की निवासी बहन लाहरी बाई द्वारा मोटे अनाज “श्री अन्न” के संरक्षण के लिए किए गए अभूतपूर्व कार्यों ने प्रदेश का गौरव बढ़ाया है। प्रधानमंत्री मोदी के मार्गदर्शन में “श्री अन्न” अर्थात मोटे अनाजों को प्रोत्साहन देने के प्रयासों को सफलता मिल रही है। प्रधानमंत्री मोदी द्वारा लाहरी बाई के प्रयासों की सराहना उनकी संवदेनशीलता का परिचायक है। मुख्यमंत्री चौहान ने सोशल मीडिया के माध्यम से यह बात कही। उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट कर डिण्डौरी जिले की लाहरी बाई द्वारा “श्री अन्न” के संरक्षण के लिए उत्साहपूर्वक किए जा रहे प्रयासों की सराहना करते हुए लिखा है कि – ‘लाहरी बाई के प्रयास अन्य लोगों को भी “श्री अन्न” के संरक्षण और उन्हें अपनाने के लिए प्रोत्साहित करेंगे।’

बैगा जनजाति की लाहरी बाई डिण्डौरी जिले के ग्राम सिलपदी की निवासी हैं। वे एक दशक से अधिक समय से कुटकी, सांवा, कोदो, कतकी जैसे मोटे अनाजों के संरक्षण में लगी हैं। उनके पास अनेक प्रकार के मोटे अनाजों के बीजों का भंडारण है। ग्रामीण आवास योजना से बना दो कमरों का उनका मकान, आस-पास के क्षेत्र में मोटे अनाज के बीज भंडार के रूप में जाना जाता है। लाहरी बाई का कहना है कि “हमारे यहाँ जो बीज विलुप्त हो गए थे, उन्हें बचाने के लिए हम अन्य गाँव से बीज लेकर आए और उनका उत्पादन किया, किसानों को बीज बाँटे, किसानों ने अपने खेतों के छोटे क्षेत्रों में उन्हें बोया और फसल आने पर हमने उनसे यह वापस ले लिए। विलुप्त हो चुकी कई तरह की फसलों के बीज अब हमारे पास हैं।”

उल्लेखनीय है कि संयुक्त राष्ट्र ने वर्ष 2023 को मिलेट ईयर अर्थात मोटे अनाज के वर्ष के रूप में घोषित किया है। मोटे अनाज कम सिंचाई में अच्छी उपज देने वाले तथा पोषण से परिपूर्ण होते हैं। फसल चक्र को सुचारू बनाने और छोटे किसानों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने में भी इनकी महत्वपूर्ण भूमिका है।

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