2 महीने की गिरावट के बाद जनवरी में खुदरा मुद्रास्फीति बढ़कर 6.52% हुई
भारत में वार्षिक खुदरा मुद्रास्फीति की दर जनवरी में बढ़कर 6.52 प्रतिशत हो गई, जो दिसंबर में 5.72 प्रतिशत थी। यह आज सरकारी आंकड़ों ने दर्शाया है। सीपीआई (उपभोक्ता मूल्य सूचकांक) मुद्रास्फीति तीन महीनों में पहली बार भारतीय रिजर्व बैंक की लक्षित सीमा 6 प्रतिशत से अधिक थी। पिछला उच्च स्तर अक्टूबर में 6.77 प्रतिशत था। खुदरा मुद्रास्फीति के लिए आरबीआइ की तरफ से अधिकतम सीमा छह प्रतिशत निर्धारित है जबकि इस साल जनवरी की खुदरा महंगाई दर 6.52 प्रतिशत रही।
इससे पहले गत दिसंबर और नवंबर में खुदरा महंगाई दर क्रमशः 5.72 प्रतिशत और 5.88 प्रतिशत दर्ज की गई थी। हालांकि पिछले साल अक्टूबर में खुदरा महंगाई दर 6.77 प्रतिशत थी और उसके बाद महंगाई दर में नरमी आने से यह समझा जाने लगा था कि अब इसमें कमी आएगी। हालांकि इस साल जनवरी में गेहूं के दाम बढ़ने से अनाज की कीमतों में पिछले साल जनवरी के मुकाबले 16.12 प्रतिशत की बढ़ोतरी रही।
जनवरी में दूध के खुदरा दाम में पिछले साल जनवरी के मुकाबले 8.79 प्रतिशत का इजाफा रहा। इन वजहों से खुदरा महंगाई दर को हवा मिली और गत जनवरी माह में सब्जी की खुदरा कीमतों में पिछले साल जनवरी की तुलना में 11.70 प्रतिशत की गिरावट के बावजूद खाद्य वस्तुओं की महंगाई दर 5.94 प्रतिशत पर पहुंच गई। पिछले साल दिसंबर में खाद्य वस्तुओं की महंगाई दर 4.19 प्रतिशत थी।