Home Madhya Pradesh अखंड भारत सत्य है: डॉ मोहन भागवत

अखंड भारत सत्य है: डॉ मोहन भागवत

सिंधी समाज के सम्मेलन में सरसंघचालक डा़ मोहन भागवत ने पाक अधिकृत सिंधु प्रांत को लेकर कहा कि ये विभाजन कृत्रिम था। भारत खंडित हो गया, खंडित शरीर को जोड़ना पड़ता है। हमने मन से नहीं छोड़ा। हमको भारत को बसाना है। वह कैसे बसेगा, मैं नहीं जानता। मेरी बात का यह मतलब भी कतई नहीं है कि भारत, पाकिस्तान पर आक्रमण कर देगा। हम उस संस्कृति से हैं जो रक्षा के लिए मुंहतोड़ जवाब देती है। लोगों के ही मन में आएगा और हो जाएगा, जैसे भी होना है। सत्य मेव जयते का देश है, अखंड भारत सत्य है, खंडित दुष्वप्न है, जो धीरे-धीरे जा रहा है।

सम्मेलन अमर बलिदानी हेमू कालाणी के जन्मशताब्दी वर्ष में भोपाल स्थित भेल दशहरा मैदान में आयोजित हुआ। यहां मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एक प्रतिशत प्रीमियम लेकर सिंधी विस्थापितों को कब्जे की भूमि के पट्टे देने, बलिदानियों के सम्मान में संग्रहालय बनाने और मनुआभान की टेकरी पर बलिदानी हेमू कालाणी की प्रतिमा लगाने, सम्राट दाहिर सेन, हेमू कालाणी सहित एक अन्य बलिदानी की जीवनी स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल करने, सिंधु दर्शन के लिए 25 हजार अनुदान देंगे और सिंधु साहित्य अकादमी का बजट बढ़ाकर पांच करोड़ रुपये करने की घोषणा की।

सिंधी समाज के सम्मेलन में सरसंघचालक डा़ मोहन भागवत ने पाक अधिकृत सिंधु प्रांत को लेकर कहा कि ये विभाजन कृत्रिम था। भारत खंडित हो गया, खंडित शरीर को जोड़ना पड़ता है। हमने मन से नहीं छोड़ा। हमको भारत को बसाना है। वह कैसे बसेगा, मैं नहीं जानता। मेरी बात का यह मतलब भी कतई नहीं है कि भारत, पाकिस्तान पर आक्रमण कर देगा। हम उस संस्कृति से हैं जो रक्षा के लिए मुंहतोड़ जवाब देती है। लोगों के ही मन में आएगा और हो जाएगा, जैसे भी होना है। सत्य मेव जयते का देश है, अखंड भारत सत्य है, खंडित दुष्वप्न है, जो धीरे-धीरे जा रहा है।

सम्मेलन अमर बलिदानी हेमू कालाणी के जन्मशताब्दी वर्ष में भोपाल स्थित भेल दशहरा मैदान में आयोजित हुआ। यहां मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एक प्रतिशत प्रीमियम लेकर सिंधी विस्थापितों को कब्जे की भूमि के पट्टे देने, बलिदानियों के सम्मान में संग्रहालय बनाने और मनुआभान की टेकरी पर बलिदानी हेमू कालाणी की प्रतिमा लगाने, सम्राट दाहिर सेन, हेमू कालाणी सहित एक अन्य बलिदानी की जीवनी स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल करने, सिंधु दर्शन के लिए 25 हजार अनुदान देंगे और सिंधु साहित्य अकादमी का बजट बढ़ाकर पांच करोड़ रुपये करने की घोषणा की।

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